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भारत में निवेश पर सबका जोर: पीयूष गोयल

Last Updated- December 11, 2022 | 6:45 PM IST

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति शृंखलाओं पर ‘अत्यधिक निर्भरता’ को लेकर चिंता जताते हुए आग्रह किया कि जहां भी अवसर मिले वहां भारतीय उद्योग से स्थानीय स्तर पर खरीदारी की जाए। ऐसे समय में जब दुनिया एक बार फिर से समूहों में बंट रही है और महामारी के कारण पैदा हुए व्यवधानों और रूस तथा यूक्रेन के बीच ताजा संघर्ष से वैश्विक स्तर पर बनी अस्थिरता के बीच गोयल ने कहा कि दुनिया भर के कारोबार भारत में निवेश करना चाहते हैं।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने भारत को वैश्विक स्तर पर निवेश के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थलों में से एक बताते हुए वैश्विक कारोबारी नेताओं को भारत आने के लिए आमंत्रित किया है। गोयल बीते शनिवार से यहां लगातार वैश्विक नेताओं से मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के सबसे पसंदीदा निवेश स्थलों में से एक है और यहां वैश्विक निवेशकों के लिए बड़े पैमाने पर अवसर मौजूद हैं। गोयल ने ‘सेवा क्षेत्र के निर्यात’ पर अधिक ध्यान देने की बात कही है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि इससे देश के कुल निर्यात को और बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने सरकार और कारोबारों से एक-दूसरे का समर्थन करने का भी आह्वान किया है।
दावोस में ट्रेड 4.0 के वार्ता सत्र को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, ‘जब हम दुनिया भर के कारोबारों और राजनीतिक नेताओं से बात करते हैं तो उन्हें भारत से बहुत उम्मीदें और आशाएं होती हैं और वे बड़े पैमाने पर भारत में निवेश करने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहे हैं। मुझे यह महसूस होता है कि हर क्षेत्र के लोग भारत आने और देश के साथ काम करने के इच्छुक हैं और उनका अपना निहित स्वार्थ है। वे यहां कोई यूं ही नहीं आना चाहते हैं बल्कि भारत बड़ा बाजार है और यहां बड़े पैमाने के उत्पादन के बलबूते उन्हें वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिल सकती है। यह अब हम सभी के लिए मौके को हाथ से न जाने देने का मामला है।’
गोयल, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्रालय जैसे प्रमुख मंत्रालयों के प्रभारी हैं और वे वर्तमान में दावोस में विश्व आर्थिक मंच में भारत की एक टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर के देश भारत के साथ व्यापार समझौता करना चाहते हैं। फरवरी से ही भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और फिलहाल ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ समझौतों पर भारत की बातचीत जारी है। इसके अलावा इजरायल और खाड़ी सहयोग परिषद के देशों के साथ समझौते भी पाइपलाइन में हैं।
इलेक्ट्रॉनिक उपभोक्ता सामानों और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र चिप की कमी से प्रभावित हो रहे हैं और इसके अलावा भी जिंसों की बढ़ती कीमतें, कंटेनर की कमी और शिपिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे अहम मुद्दों से जुड़ी चुनौतियों के चलते बड़े पैमाने पर आपूर्ति शृंखला में बाधा पैदा हो रही है और पिछले दो वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था असंतुलित हो रही है। फिर भी, भारतीय कारोबारों ने काफी लचीलापन दिखाते हुए निर्यात लक्ष्यों को पार करते हुए 421.8 अरब डॉलर के निर्यात को हासिल कर लिया। इसके अलावा भारत 2030 तक 1 लाख करोड़ डॉलर तक के वस्तु एवं सेवाओं के निर्यात लक्ष्य को हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘अब भारत को मूल्य वर्धित निर्यात पर ध्यान देना होगा। भारत को देश से बाहर जाने वाले कच्चे माल के बजाय देश में आने वाली नौकरियों पर ध्यान देना होगा और उस दिशा में आगे बढऩे के लिए गंभीर प्रयास किए गए हैं।’

First Published - May 25, 2022 | 12:31 AM IST

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