भारत और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंध अभी शत्रुतापूर्ण बने हुए हैं, लेकिन दोनों पड़ोसियों के बीच एक बहुपक्षीय मंच विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में तालमेल बढ़ रहा है। पिछले 2 महीने के दौरान दोनों देशों ने डब्ल्यूटीओ में सह प्रायोजक के रूप में दो संयुक्त आवेदन किया है। जून महीने में पाकिस्तान ने भारत, क्यूबा और 44 अफ्रीकी देशों के साथ मिलकर कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग के लिए विकासशील देशों के मामले में बौद्धिक संपदा अधिकार को लेकर पर्याप्त लचीलेपन की मांग की है।
जुलाई महीने में इन्हीं देशों के समूह ने डब्ल्यूटीओ में एक और आवेदन किया, जो विकास और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए अंतर सरकारी संगठन को मजबूत करने के सिलसिले में था। वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘डब्ल्यूटीओ में पाकिस्तान का भारत के साथ साझा हित से जुड़े मसले बढ़ रहे हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि वह अब कृषि क्षेत्र में महाशक्ति नहीं रह गया, जब वह खुद को केयर्न समूह का हिस्सा मानता था।’
केयर्न समूह कृषि संबंधी निर्यात करने वाले देशों का एक समूह है, जो कृषि व्यापार के उदारीकरण के लिए लॉबीयिंग करता है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, कोस्टारिका, ग्वाटेमाला, इंडोनेशिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, पराग्वे, पेरू, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, उरुग्वे और वियतनाम सहित 19 देश हैं। पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है और उसका विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम हुआ है। साथ ही उसी मुद्रा का अवमूल्यन हुआ है और राजकोषीय व चालू खाते का घाटा बढ़ा है। वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से एक और बेलआउट पैकेज के लिए बातचीत कर रहा है।