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चीन का पेलोसी पर प्रतिबंध, अमेरिका के साथ जलवायु परिवर्तन वार्ता रद्द की

Last Updated- December 11, 2022 | 5:02 PM IST

चीन ने इस सप्ताह की शुरुआत में ताइवान की यात्रा को लेकर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी और उनके परिवार पर शुक्रवार को प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। अब वे चीन की यात्रा नहीं कर सकेंगे। चीन ने इसी के साथ रक्षा और जलवायु परिवर्तन सहित कई अन्य क्षेत्रों में वॉशिंगटन के साथ अपनी वार्ता भी रद्द कर दी।
बयासी वर्षीय पेलोसी पिछले 25 वर्षों में ताइवान की यात्रा करने वाली अमेरिका की सबसे शीर्ष अधिकारी हैं। वह मंगलवार को ताइवान पहुंची थीं, जिससे चीन भड़क गया। चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और विदेशी सरकारों के साथ उसके संबंधों का विरोध करता है। चीनी विदेश मंत्रालय ने पेलोसी के दौरे की आलोचना करते हुए पेइचिंग में अमेरिकी राजदूत क्रिस बर्न्स को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया था और ताइवान जलडमरूमध्य क्षेत्र में चार दिन के व्यापक सैन्य अभ्यास की घोषणा की थी।
शुक्रवार को मंत्रालय ने एक बयान जारी कर पेलोसी और उनके परिवार पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। उसने कहा कि पेलोसी ने ताइवान की अपनी यात्रा को लेकर चीन की चिंता और विरोध की अवहेलना की है। उसने कहा कि पेलोसी ने ताइवान का दौरा कर चीन के आंतरिक मामलों में दखल दिया है। बयान में कहा गया है कि यह कदम चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ है, एक-चीन सिद्धांत को रौंदता है तथा ताइवान जलडमरूमध्य क्षेत्र में शांति व स्थिरता के समक्ष गंभीर खतरा पेश करता है। बयान के अनुसार, पेलोसी के गंभीर उकसावे वाले कदम के जवाब में चीन ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के प्रासंगिक कानूनों के तहत पेलोसी और उनके परिवार के सदस्यों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इससे पहले, चीन ने तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो सहित पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन के 28 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे।
एक अन्य बयान में चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के खिलाफ कुछ और जवाबी कदम उठाने की घोषणा की। जिसमें चीन-अमेरिका थिएटर कमांडर वार्ता, चीन-अमेरिका रक्षा नीति समन्वय वार्ता (डीपीसीटी) और चीन-अमेरिका सैन्य समुद्री सलाहकार समझौते (एमएमसीए) की बैठकों को रद्द कर दिया है। मंत्रालय ने अवैध अप्रवासियों के प्रत्यावर्तन, आपराधिक मामलों में कानूनी सहायता और अंतरराष्ट्रीय अपराधों के खिलाफ कार्रवाई में चीन-अमेरिका सहयोग को निलंबित करने, नशीले पदार्थों के खिलाफ सहयोग खत्म करने और जलवायु परिवर्तन पर चीन-अमेरिका वार्ता रद्द करने की भी घोषणा की।
दोनों देशों के बीच रक्षा वार्ता को रद्द किया जाना महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वर्तमान में तीव्र रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता में शामिल प्रमुख शक्तियां समय-समय पर परामर्श करती रहती हैं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि इससे दक्षिण चीन सागर जैसे विवादित क्षेत्रों में आकस्मिक संघर्ष के खतरे को टालने में मदद मिलती है, जहां अमेरिका ने नौवहन की स्वतंत्रता पर जोर देने के लिए हाल के महीनों में नौसैनिक और हवाई अभियान तेज किए हैं। 

First Published - August 6, 2022 | 1:39 AM IST

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