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अपने ही बुने जाल में फंसा चोकसी

Last Updated- December 12, 2022 | 4:03 AM IST

भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी उर्फ पप्पू भाई कैरिबियाई द्वीप में नाटकीय घटनाक्रम का केंद्र बन गया है। डोमिनिका में चोकसी को अब फैसले का इंतजार है कि उसे वहीं रहना होगा या एंटीगा अथवा भारत वापस भेजा जाएगा। यह सब उसके आव्रजन की स्थिति और प्रत्यर्पण के कानूनी दांव-पेच पर निर्भर करेगा। भारत में उस पर पंजाब नैशनल बैंक के साथ अरबों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। 
चोकसी की जिंदगी में अजीब से मोड़ आते रहे हैं। उसका भांजा और धोखाधड़ी का मुख्य आरोपी नीरव मोदी अभी ब्रिटेन की जेल में बंद है और भारत सरकार के प्रत्यर्पण के मुकदमे का सामना कर रहा है। चोकसी इस बात के लिए मशहूर है कि हालात कैसे भी हों, पत्ते उसके हाथ में ही रहते हैं। उसने बचने की योजना पहले ही तैयार कर ली थी और 2018 में पंजाब नैशनल बैंक के साथ धोखाधड़ी का खुलासा होने से पहले ही 2017 में वह एंटीगा की नागरिकता ले चुका था। चोकसी के साथ कॉलेज में पढऩे वाले पूर्व आभूषण कारोबारी अतुल मर्चेंट बीते दिनों को याद करते हुए कहते हैं, ‘1975 में एचआर कॉलेज (मुंबई) के प्रथम वर्ष में हमारे सभी सहपाठी सोच रहे थे कि स्नातक के बाद पता नहीं क्या करेंगे। लेकिन मेहुल की योजना पहले से तैयार थी और पूरे जीवन में उसका ध्यान उससे कभी नहीं डिगा। मैंने अपने जीवन में पैसे कमाने की ऐसी हसरत और इच्छाशक्ति वाला दूसरा कोई इंसान नहीं देखा।’
लुई वुइतां के मालिक बर्नाड अरनॉल्ट ने जिस तरह अपना कारोबारी साम्राज्य खड़ा किया था, मेहुल उससे खासा प्रेरित था। करीब आधा सदी पहले उसके पिता ने मुंबई में हीरा कंपनी शुरू की थी, जिसे चोकसी ने अपने हाथ में ले लिया और 30 ब्रांड के साथ रिटेल कारोबार शुरू किया। चोकसी के कारोबार में नक्षत्र, अस्मि, गिलि और गीतांजलि जैसे प्रमुख ब्रांड थे और उसका कारोबार 14,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कुशल मार्केटिंग, सेलिब्रिटी से प्रचार और बहुआयामी ब्रांड एवं रिटेल के दम पर उसने कारोबारी सफलता के झंडे गाड़ दिए।
लेकिन चोकसी के आदर्श और प्रेरणा हमेशा से दिग्गज रहे हैं। मर्चेंट ने कहा, ‘भरत शाह और विजय माल्या जैसे शख्स पप्पू (चोकसी) के आदर्श थे। भरत शाह को सजा मिलने के बाद भी उनके प्रति पप्पू का आकर्षण कम नहीं हुआ।’ माल्या की यॉट देखकर चोकसी ने भी एक यॉट खरीदी थी।
इस तरह चोकसी ने रिटेल स्टोर और बड़े-बड़े विज्ञापनों (200 करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना बजट) के साथ अपना कारोबारी साम्राज्य बढ़ाया और कटरीना कैफ, बिपाशा बसु तथा कंगना रनौत जैसी तारिकाओं को अपने ब्रांड के विज्ञापनों में लिया। 2013 में स्वर्ण ऋण सुविधा में बदलाव होने के बाद गीतांजलि की कार्यशील पूंजी घटने लगी और कारोबार भी सपाट हो गया। चोकसी के खिलाफ भेदिया कारोबार की जांच भी चल रही थी। आखिरकार 2018 में पंजाब नैशनल बैंक ने चोकसी के खिलाफ भारत के बैंकिंग इतिहास में सबसे बड़े फर्जीवाड़े का मामला दर्ज कराया।
चोकसी के कारोबारी परिचालन का व्यापक जाल उसके ही दिमाग की उपज थी। अमेरिकी दिवालिया अदालत ने 2019 में जॉन जे केनेरी को उसके खाते की जांच का जिम्मा सौंपा। केनेरी की फॉरेंसिक रिपोर्ट में फर्जी इकाइयों के जरिये भारत में आभूषण आयात के खासे लेनदेन का पता चला। बाद में पता चला कि पूरी कहानी देश से बाहर चल रही थी और उसकी मदद से छोटी सी फर्म विशाल आभूषण कंपनी बन गई।
गीतांजलि समूह के कारोबार की जांच के दस्तावेज बताते हैं कि संगठन के ढांचे में हॉन्गकॉन्ग के लॉसैम्युल्स ज्वैलर्स और 4सी डायमंड डिस्ट्रिब्यूटर्स, न्यूयॉर्क के एस्टन लक्जरी ग्रुप, रोहन चोकसी (मेहुल का पुत्र) की कंपनी, चोकसी के ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड की आभूषण ग्रेडिंग कंपनी शामिल थी। इसके अलावा चिराग पटवा तथा कई अन्य कंपनियां शामिल थीं, जिनमें ज्यादातर अमेरिका में पंजीकृत थीं।
केनेरी की रिपोर्ट के अनुसार चोकसी का मकसद कंपनियों का व्यापक जाल बनाना और एक एकीकृत आभूषण समूह बनाना था। हालांकि उसका असली काम ग्राहकों की आंखों में धूल झोंकना था। यह भी पता चला कि प्रयोगशालाओं में बने कृत्रिम हीरों को खान से निकले असली हीरे बताकर बेचने का भी काम किया जाता था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया कि पैसों की हेराफेरी और फर्जी आपूर्तिकर्ताओं के लिए चोकसी या उसके सहयोगियों ने विभिन्न देशों में कई कंपनियां बनाईं। इन कंपनियों को एकदम अलग कंपनी बताकर पेश किया जाता था जबकि हकीकत में इनका नियंत्रण चोकसी, गीताजंलि या चोकसी के कर्मचारियों के हाथों में थी। संक्षेप में कहें तो इन फर्मों का उपयोग काले धन को सफेद बनाने के लिए किया जा रहा था। जांच में यह भी पता चला कि कई बार लेनदेन के लिए रकम सैम्युल्स ने फर्जी आपूर्तिकर्ताओं को दिए और फिर वह रकम गीतांजलि को भेज दी गई।
लंदन में वरिष्ठ सोलिसीटर सरोस जरीवाला ने कहा कि कम से कम 30 सफेदपोश अपराधी भारत से भागकर लंदन तथा छोटे द्वीपों पर अपना सुरक्षित ठिकाना बना चुके हैं। छोटे देशों में प्रवास करना और पासपोर्ट खरीदना आसान है। कुछ हजार डॉलर देकर कोई भी वहां पासपोर्ट ले सकता है। उन्होंने कहा कि यह अजीब लगता है कि चोकसी एंटीगा से डोमिनिका गया होगा क्योंकि वह बहुत ही छोटा द्वीप है और वहां का कानून इंगलैंड की तरह ही है। कोई अनुमान नहीं लगा सकता कि इसके नतीजे क्यों होंगे क्योंकि सुनवाई बंद कमरे में हो रही है।
कुल मिलाकर कहें तो 62 साल के चोकसी ने सब कुछ हासिल किया लेकिन गलत तरीके से। हालांकि उसे जानने वाले बताते हैं कि वह अपने भविष्य और अगले कदम की योजना बनाने में कोई गलती नहीं करता। ऐसे में अगर डोमिनिका में उसके खिलाफ सुनवाई चल रही है तो हो सकता है कि यह उसकी ही कोई चाल हो। मगर लगता नहीं कि इस बार उसे बचने का कोई रास्ता मिल पाएगा।

First Published - June 3, 2021 | 11:09 PM IST

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