खाद्य संकट के मसले पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट भले ही चाहे जो कहती हो, पर अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस ने यह कह कर सबको चौंका दिया है कि मौजूदा खाद्य संकट की एक बड़ी वजह चीनी और भारतीयों का ज्यादा भोजन करना है।
इन देशों के लोगों के ज्यादा खाने की वजह से ही वहां से खाद्यान्न के निर्यात में कमी आई है।राइस का कहना है कि पूरी दुनिया में खाद्यान्न की आसमान छूती कीमतों की एक वजह भोजन वृद्धि के कारण निर्यात में आई कमी भी है। राइस ने विश्व व्यापार के दोहा दौर की वार्ताओं की सफलता की उम्मीद जताते हुए कहा कि इससे विकसित देशों द्वारा किसानों को दी जा रही सब्सिडी में कमी लाई जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि ऐसा होने से विकासशील देशों के किसानों को बाजार में प्रतिस्पद्र्धा का बेहतर माहौल मिलेगा। राइस का मानना है कि किसानों को बेहतर प्रतिस्पद्र्धात्मक माहौल मिलने से उत्पादन बढ़ेगा। इससे खाद्य संकट की समस्या से निपटा जा सकेगा।
पीस कोर 2008 वर्ल्डवाइड कंट्री डाइरेक्टर कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राइस ने कहा कि खाद्य संकट से राहत देने के मामले में अमेरिका हमेशा से अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमने दुनिया में बढ़ते खाद्यान्न संकट को गंभीरता से लिया है।’ राइस ने विश्व खाद्य योजना के निदेशक जोसेट शीरन द्वारा गिनाए गए खाद्य संकट के कारणों का उल्लेख करते हुए कहा कि बाजार में खाद्यान्न की कमी के कारण लोगों का जीवन मुश्किल हो गया है।