अमेरिकी कांग्रेस ने गुरुवार को एक संयुक्त सत्र में 3 नवंबर को हुए चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए जो बाइडन एवं उपराष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस के निर्वाचन की औपचारिक रूप से पुष्टि कर दी। कांग्रेस के संयुक्त सत्र में निर्वाचन का सत्यापन गुरुवार तड़के किया गया। निवर्तमान राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सैकड़ों समर्थकों द्वारा हिंसात्मक तरीके से कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) में दाखिल होने एवं कांग्रेस की कार्यवाही बाधित किए जाने के बाद बुधवार देर रात संयुक्त सत्र की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई।
चुनाव नतीजों के संसद से सत्यापन पर टिप्पणी करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘यह फैसला राष्ट्रपति पद के इतिहास में उनके पहले महान कार्यकाल की समाप्ति को प्रकट करता है।’ उन्होंने कहा कि वह 20 जनवरी को सुचारु तरीके से सत्ता का हस्तांतरण करेंगे। ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘चुनाव के नतीजों से मैं पूरी तरह से असहमत हूं और इस तथ्य पर कायम हूं। इसके बावजूद 20 जनवरी को सुचारु रूप से सत्ता का हस्तांतरण होगा।’ उन्होंने कहा, ‘अमेरिका को फिर से महान बनाने की लड़ाई की यह महज शुरुआत है। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव में धांधली के आरोप को दोहराया।’ 78 वर्षीय बाइडन और 56 वर्षीय हैरिस 20 जनवरी को निर्धारित कार्यक्रम में क्रमश: राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
लोकतंत्र पर हमला
निर्वाचन मंडल के मतों की पुष्टि, कैपिटल हिल पर हिंसा की दुखद घटना के बाद हुई जिसमें चार लोगों की मौत हुई है और इलाके में लॉकडाउन लगाना पड़ा। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस घटना को अमेरिका के लिए अपमान एवं शर्मनाक क्षण बताया। डेमोक्रेटिक पार्टी के बाइडन ने अमेरिकी कैपटल के भीतर हुए दंगे को अमेरिकी लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला करार देते हुए कहा कि अगले चार साल के कार्यकाल में उनके प्रशासन की कोशिश चुनाव के बाद देश में हुए ध्रुवीकरण खत्म कर लोगों को एकजुट करने की होगी। पिछले 3 नवंबर को हुए चुनाव में बाइडन एवं हैरिस ने रिकॉर्ड आठ करोड़ मतों के साथ निर्वाचन मंडल के 306 मत हासिल किए थे। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार लगातार मतदान में धोखाधड़ी होने का आरोप लगा रहे हैं और उन्होंने दर्जनों याचिकाएं अदालतों में दाखिल की थी। कांग्रेस के संयुक्त सत्र की पूर्व संध्या पर ट्रंप ने उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर नतीजों को पलटने का दबाव बनाया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। इस पर ट्रंप ने पेंस पर हमला करते हुए कहा कि उनमें साहस की कमी है। व्हाइट हाउस में अपने हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा था कि वे संसद भवन की ओर मार्च करें। इस दौरान सैकड़ों समर्थक हिंसक हो गए। उपराष्ट्रपति पेंस ंने बुधवार को ट्रंप का विरोध करने की हिम्मत दिखाई और कहा कि हिंसा की कभी जीत नहीं होगी बल्कि आजादी की जीत होगी। हिंसक घटनाक्रम के बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार एवं कई अन्य ने इस्तीफा दे दिया।
सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर और फेसबुक ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए ट्रंप के अकाउंट को निलंबित कर दिया है। ट्विटर ने ट्रंप के अकाउंट को 12 घंटे के लिए निलंबित करने के साथ तीन ट्वीट को भी ब्लॉक कर दिया जिनमें कैपिटल हिल पर समर्थकों को संबोधित करने का वीडियो भी शामिल है जिसके बाद हिंसा भड़की थी।
बढ़ी वैश्विक चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन में ट्रंप समर्थकों द्वारा किए गए दंगे और हिंसा की खबर पर चिंता जताते हुए ट्वीट किया, ‘वॉशिंगटन डीसी में हिंसा और दंगे की खबरों से चिंतित हूं। सत्ता का सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण हस्तांतरण जारी रहना चाहिए। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी प्रदर्शनों के जरिये बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’ फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा कि वॉशिंगटन में आज जो कुछ हुआ वह असल अमेरिका नहीं है।’ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट किया, ‘अमेरिकी संसद परिसर में अशोभनीय दृश्य देखने को मिले। सत्ता हस्तांतरण शांतिपूर्ण और तय प्रक्रिया के तहत उचित तरीके से हो।’