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श्रीलंका के लिए कर्ज का मरहम

Last Updated- December 11, 2022 | 6:56 PM IST

दक्षिण के अपने पड़ोसी को संकट से उबारने की कवायद के तहत भारत अब आवश्यक दवाओं के लिए श्रीलंका को कर्ज की सुविधा बढ़ाएगा। इस सिलसिले में मंगलवार को एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें भारत के कुछ दवा निर्यातक, फार्मास्यूटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (फार्मेक्सिल) के प्रतिनिधि, विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल हुए और उन्होंने इसकी रूपरेखा पर चर्चा की।
लाइन ऑफ क्रेडिट की मात्रा के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि अभी निर्यातक मुद्रा से जुड़े मसले पर बैंकों की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं और जल्द ही खेप भेजी जाएगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इसकी पुष्टि की और कहा कि फार्मेक्सिल भारत से श्रीलंका आवश्यक दवाएं भेजने के लिए समन्वय स्थापित करेगी। अधिकारी ने कहा, ‘श्रीलंका को आवश्यक दवाओं की जरूरत है। वे इसके लिए भारत से संपर्क कर रहे हैं, जो दवा का बड़ा केंद्र है। हम कवायद कर रहे हैं कि यह बेहतर तरीके से किया जा सके। लाइन आफ क्रेडिट को बढ़ाया जा सकता है।’ भारत ने पहले ही श्रीलंका के लिए क्रेडिट लाइन और करेंसी स्वैप 3 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़ा दिया है।
श्रीलंका अपनी कुल दवाओं का करीब 85 प्रतिशत आयात करता है। उसने भारत के उद्योग संगठनों से मदद मांगी है। इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईडी एमए) के एक सूत्र ने कहा कि श्रीलंका ने 273 आवश्यक दवों की सूची मुहैया कराई है, जिसमें एंटीबायोटिक्स, पेन किलर्स, इंजेक्टेबल्स, क्रॉनिक मेडिसिन जैसे कैंसर व मधुमेह आदि की दवाएं शामिल हैं। उद्योग के अधिकारी ने कहा, ‘हमारी कुछ सदस्य कंपनियों ने पहले ही श्रीलंका को दवाएं भेजना शुरू कर दिया है। लेकिन यह इस समय सहायता के रूप में किया जाएगा। अगर उन्हें ज्यादा मात्रा में जरूरत होगी, तो भारत सरकार की ओऱ से लाइन आफ क्रेडिट ऐसा करने का बेहतरीन मार्ग होगा।’ आईडीएमए के एक और अधिकारी ने कहा कि अभी बड़ी मात्रा में दवाओं का निर्यात श्रीलंका को नहीं किया जा रहा है क्योंकि भुगतान की कोई गारंटी नहीं है। अधिकारी ने कहा, ‘ऐसे में भारत के निर्यातकों को सरकार के कुछ समर्थन की जरूरत है और आज इस सिलसिले में शेयरधारकों की बैठक हुई है।’
तमिलनाडु सरकार पहले ही श्रीलंका की मदद के लिए सामने आई हैं। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमण्यन और स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने शनिवार को गोदाम की जांच की, जहां श्रीलंका भेजने के लिए दवाएं रखी गई हैं। राज्य सरकार ने कुछ सप्ताह पहले केंद्र से अनुरोध किया था कि वह श्रीलंका को आवश्यक जिंस (चावल, दलहन, दवाएं व डेयरी उत्पाद आदि) भेजने की अनुमति दे। तमिलनाडु सरकार श्रीलंका को 28 करोड़ रुपये की 130 तरह की दवाएं भेज सकता है।

First Published - May 18, 2022 | 12:47 AM IST

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