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यूक्रेन पर भारत में कूटनीतिक सरगर्मी

Last Updated- December 11, 2022 | 8:21 PM IST

रूस और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस के साथ चर्चा की। चर्चा के दौरान ट्रस ने कहा कि दुनिया के सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अक्षुण्णता का ध्यान रखना चाहिए एवं अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना चाहिए। बातचीत से पहले ब्रिटेन के उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि ट्रस भारत के विदेश मंत्री जयशंकर को बताएंगी कि यूक्रेन पर रूस के मध्य दुनिया के लोकतांत्रिक देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने की जरूरत और बढ़ गई है।
बयान में कहा गया, ‘पिछले महीने यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद विदेश सचिव लिज ट्रस एक बड़ी कूटनीतिक पहल के तहत भारत दौरे पर आई हैं।’ बयान में कहा गया कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक में ट्रस यूक्रेन पर रूस के हमले का विषय उठाएंगी। बयान में कहा गया है, ‘मौजूदा भू-राजनीतिक हालात को देखते हुए दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों के बीच आपसी सहयोग और बढ़ाने की जरूरत काफी बढ़ गई है। आक्रमणकारी देशों पर अंकुश लगाने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने से रोकने के लिए लोकतांत्रिक देशों को एक साथ आने की जरूरत है।’
पिछले कुछ दिनों में भारत में विदेशी प्रतिनिधियों के आने का सिलसिला तेज हो गया है। अमेरिका के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह भी बुधवार को भारत पहुंचे। ब्रिटेन उच्चायुक्त के बयान के अनुसार ट्रस रूस के आक्रमण के खिलाफ मुहिम शुरू करना चाहती हैं और दुनिया के देशों की निर्भरता रूस पर कम करना चाहती हैं। अगले सप्ताह नाटो और दुनिया के साथ सबसे संपन्न देशों के समूह जी-7 की बैठक होने वाली है। बयान में ट्रस को उद्धृत करते हुए कहा गया, ‘भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों के प्रगाढ़ होने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगा और दोनों देशों के लिए रोजगार एवं नए अवसर सृजित होंगे।’
लिज ट्रस ने कहा कि बिना किसी कारण के यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद दुनिया के लोकतांत्रिक देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता और बढ़ गई है। ट्रस ने कहा कि इन देशों को रक्षा, व्यापार और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में मिल कर काम करना चाहिए।

रूस के विदेशी मंत्री पहुंचे भारत
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे। पिछले महीने यूक्रेन के साथ सैन्य संघर्ष शुरू होने के बाद लावरोव की पहली भारत यात्रा है। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा कि लावरोव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। भारतीय विदेशी मंत्रालय की तरफ से लावरोव की भारत यात्रा पर जारी मीडिया परामर्श में रूस के विदेश मंत्री की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की कोई चर्चा नहीं है। इन बैठकों की तैयारी की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि भारत चर्चा के दौरान निर्धारित समय में रूस से रक्षा उपकरणों एवं हथियारों के आयात पर जोर देगा। इन रक्षा उपकरणों में एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली भी शामिल है। भारत की आधिकारिक यात्रा पर आने से पहले लावरोव दो दिन की यात्रा पर चीन गए हुए थे। लावरोव की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह और ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस भी भारत आए हुए हैं।

डोभाल ने की नीदरलैंड के सुरक्षा सलाहकार से बातचीत
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने गुरुवार को नीदरलैंड के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेफ्री वान ल्यूवेन के साथ द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग तथा यूक्रेन संकट पर बातचीत की। ल्यूवेन नीदरलैंड के प्रधानमंत्री के सुरक्षा तथा विदेश नीति सलाहकार हैं। भारत में उनकी यात्रा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की नीदरलैंड यात्रा के पहले हो रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों एनएसए के बीच द्विपक्षीय मुद्दों के साथ ही अहम क्षेत्रीय तथा वैश्विक घटनाक्रम पर भी चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया, ‘दोनों ने इन मुद्दों पर भारत और नीदरलैंड के बीच सहयोग तथा अपने संपर्क को बढ़ाने की जरूरत को भी रेखांकित किया जिनमें आपसी हितों के मुद्दों पर नीतिगत बातचीत शामिल है।’ सूत्रों ने बताया कि डोभाल और ल्यूवेन दोनों देशों के बीच जारी रक्षा, सुरक्षा तथा आतंकवाद रोधी सहयोग को बढ़ा कर साझेदारी को प्रगाढ़ करने पर भी सहमत हुए। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का यह 75वां वर्ष है। इस बड़ी उपलब्धि पर नीदरलैंड के शाह और महारानी के न्योते पर राष्ट्रपति कोविंद 4 से 7 अप्रैल तक नीदरलैंड की यात्रा पर जा रहे हैं।  
कीव और चेर्नीहीव में पीछे हटने के वादे से मुकरा रूस
रूस की सेना ने कीव और एक अन्य शहर में अपने अभियान में कमी करने का वादा करने के महज कुछ घंटों बाद इन शहरों के आसपास के इलाकों में बमबारी की। यूक्रेन के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। देश के अन्य हिस्सों पर रूस के बढ़ते हमलों के बाद युद्ध को खत्म करने के मकसद से वार्ता में कोई प्रगति होने की उम्मीद खत्म हो गई है। रूसी सेना ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वह ‘आगे बातचीत के अनुकूल परिस्थितियां पैदा करने और आपसी विश्वास पैदा करने’ के लिए राजधानी कीव और उत्तरी शहर चेर्नीहीव के समीप अपने अभियान में कमी करेगी। हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की और पश्चिमी देशों ने इस पर गहरा संदेह व्यक्त किया था। इसके कुछ देर बाद ही यूक्रेन के अधिकारियों के चेर्नीहीव और कीव में तथा उसके आसपास घरों, दुकानों, पुस्तकालयों और अन्य असैन्य स्थलों पर बमबारी की खबर दी।
रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन में डोनबास क्षेत्र और लिजियम शहर के आसपास अपने हमले तेज कर दिए। यह शहर डोनबास की ओर जाने वाला अहम रास्ता है। चेर्नीहीव शहर परिषद के सचिव अलेक्सान्द्र लोमाको ने कहा कि रूस की घोषणा ‘पूरी तरह झूठी’ साबित हुई है। उन्होंने कहा, ‘रात को उन्होंने सैन्य अभियान कम नहीं बल्कि तेज कर दिया।’ संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यूक्रेन छोड़कर जाने वाले नागरिकों की संख्या 40 लाख पर पहुंच गई है, जिनमें से करीब आधी आबादी बच्चों की है।     
रूस को रोकने के लिए और मदद की आवश्यकता 
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की ने 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद देने का संकल्प जताने के लिए व्हाइट हाउस का आभार व्यक्त किया लेकिन साथ ही कहा कि वह रूसी आक्रमण को रोकने के लिए यूक्रेन को अधिक सहायता दिए जाने के बारे में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से बात करने के लिए तैयार हैं। जेलेंस्की ने बुधवार रात को देश को दिए गए एक वीडियो संबोधन में कहा, ‘अगर हम आजादी और लोकतंत्र की रक्षा के लिए वास्तव में मिलकर लड़ रहे हैं तो हमारे पास इस मुश्किल अहम मोड़ पर मदद मांगने का अधिकार है। टैंक, विमान, तोप प्रणालियां।’

First Published - March 31, 2022 | 11:28 PM IST

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