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जलवायु-परमाणु सहयोग पर चर्चा

Last Updated- December 11, 2022 | 7:37 PM IST

दुनिया में तेजी से हो रही भू-राजनीतिक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। दोनों देशों ने साइबर अपराध के आधुनिक खतरों के मद्देनजर आपसी सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई और साथ ही इस बात पर जोर दिया कि नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था उसी प्रकार से ऑनलाइन रूप में बनी रहनी चाहिए जैसे कि यह ऑफलाइन जरूरी है। दोनों देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश साझा खतरों की संयुक्त रूप से पहचान करेंगे और इस दिशा में सार्वजनिक निजी साझेदारी को प्रोत्साहित करेंगे।
खालिस्तानी तत्वों के बारे में भारत की चिंताओं पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन अपने देश में सक्रिय और किसी दूसरे देश को निशाना बनाने वाले कट्टरपंथी समूहों को बर्दाश्त नहीं करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता के बाद जॉनसन ने संवाददाताओं से कहा कि इस साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने की काफी संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश अंतरराष्ट्रीय निवेश (बीआईआई) के माध्यम से वर्ष 2022-26 तक भारत में जलवायु से जुड़ी परियोजनाओं में एक अरब डॉलर के सार्वजनिक फंडिंग की ब्रिटेन की प्रतिबद्धता का स्वागत किया। संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन वैश्विक नवाचार गठजोड़ (जीआईपी) को लागू करने की व्यवस्था को अंतिम रूप देने का स्वागत किया जो त्रिपक्षीय विकास सहयोग के संबंध में है। इसके तहत भारत और ब्रिटेन अगले 14 वर्षों में भारत से एशिया, अफ्रीका और हिंद-प्रशांत के किसी तीसरे देश को जलवायु उन्नत समावेशी नवाचार के लिए 10 करोड़ डॉलर तक की मिलकर फंडिंग करेंगे।
दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन असैन्य परमाणु सहयोग को मजबूत बनाने की फिर से पुष्टि की और वैश्विक परमाणु ऊर्जा गठजोड़ केंद्र (जीसीएनईपी) के साथ ब्रिटेन के नए गठजोड़ का स्वागत किया। यह परमाणु ऊर्जा अध्ययन, रेडियो सक्रिय संबंधी उपयोग, परमाणु सुरक्षा पर संयुक्त शोध एवं प्रशिक्षण को बढ़ावा
देने से संबंधित है। बैठक में दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर हो रहे अन्य घटनाक्रमों पर भी चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक खुली, समावेशी और नियम-आधारित व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जॉनसन से वार्ता के दौरान उन्होंने एक शांतिपूर्ण, स्थिर और धर्मनिरपेक्ष अफगानिस्तान के साथ ही प्रतिनिधित्व पर आधारित सरकार के लिए अपना समर्थन दोहराया। मोदी ने कहा, ‘यह आवश्यक है कि अफगान भूमि का प्रयोग अन्य देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए।’ वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्ता के बाद कहा कि यह महत्त्वपूर्ण है कि हम हिंद-प्रशांत को स्वतंत्र व मुक्त रखने में सहयोग बढ़ाएं। जॉनसन ने कहा कि हमारी वार्ता अच्छी रही और इनसे हमारे संबंधों को मजबूती मिली है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया बढ़ते निरंकुश संघर्षों के खतरों का सामना कर रही है और ऐसे में भारत और ब्रिटेन के लिए यह अहम है कि दोनों देश अपने सहयोग को और मजबूत बनाएं।
उन्होंने कहा, ‘आज हमने नए कदमों की घोषणा की है जिससे ब्रिटेन में निर्मित चिकित्सा उपकरणों का भारत को निर्यात आसान हो जाएगा।’ उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उच्च शिक्षा पात्रता को आपसी मान्यता सुनिश्चित करने पर भी सहमति बनी हैं। बैठक में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा पर नए सहयोग के बारे में भी चर्चा की।

मोदी ‘खास दोस्त’: जॉनसन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच मधुर संबंध की स्पष्ट झलक शुक्रवार को मीडिया कार्यक्रम के दौरान देखने को मिली, जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने मोदी को ‘खास दोस्त’ बताया और भारतीय प्रधानमंत्री को उनके पहले नाम (नरेंद्र) से कई बार पुकारा। जॉनसन ने भारत, खासकर गुजरात में हुए स्वागत की भी प्रशंसा की और कहा कि वह कुछ हद तक सचिन तेंडुलकर की तरह महसूस कर रहे थे और उनका चेहरा अमिताभ बच्चन की तरह सर्वव्यापी था।
मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा, ‘धन्यवाद, मेरे दोस्त नरेंद्र। ‘खास दोस्त’ वह मुहावरा है, जिसे मैं हिंदी में इस्तेमाल करना चाहूंगा। भारत में हमारे दो दिन शानदार रहे हैं।’ जॉनसन ने कहा, ‘कल मैं पहला कंजरवेटिव प्रधानमंत्री हो गया, जिसने गुजरात की यात्रा की है, जो निश्चित तौर पर ‘नरेंद्र’ का जन्म स्थान है, लेकिन जैसा आपने अभी कहा कि (यह) ब्रिटिश भारतीयों में से करीब आधे का पैतृक घर भी है और मेरा अद्भुत स्वागत किया गया, बिल्कुल अद्भुत।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे कुछ-कुछ सचिन तेंडुलकर जैसा महसूस हुआ और अमिताभ बच्चन की तरह मेरा चेहरा सर्वव्यापी था। हर जगह मैं दिख रहा था और यह बहुत ही अभिभूत करने वाला था।’     भाषा

First Published - April 22, 2022 | 11:21 PM IST

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