Fake job offers abroad: विदेश में नौकरी करने का सपना देख रहे भारतीयों को विदेश मंत्रालय की सलाह को बहुत ध्यान से पढ़ लेना चाहिए। आजकल विदेशी कंपनियां लुभावनी नौकरी की पेशकश कर कथित तौर पर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही है। लुभावनी नौकरी के जाल में फंसकर भारतीय विदेशों में नौकरी करने चले जाते हैं और वहां पर फंस जाते है। विदेश मंत्रालय ने लुभावनी ऑफर पेश करने वाली कंपनियों से भारतीय नागरिकों को सचेत रहने और पूरी जांच पड़ताल करने का सुझाव दिया है।
50 लोगों को सुरक्षित निकाला गया- अरिंदम बागवी
साप्ताहिक प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागवी ने कहा कि जहां तक म्यांमार में फंसे भारतीय नागरिकों का सवाल है, हम इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं जिनमें फर्जी पेशकश (fake job offers) की गई है। उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 50 लोगों को सही सलामत निकाला गया है और कुछ लोग अभी भी फंसे हुए हैं। उन्होंने आगे बताया कि सुरक्षित निकाले गए लोग वापस भारत लौट आए हैं जबकि कुछ लोग अवैध प्रवेश के मामले में वहां की पुलिस की हिरासत में हैं।
म्यांमार में 300 लोगों के फंसे होने की आशंका
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार में करीब 300 लोगों के फंसे होने की खबर है। हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागवी ने कहा कि कुछ लोग वहां फंसे हैं लेकिन यह संख्या निश्चित तौर पर 300 नहीं है। इन लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लाओस और कंबोडिया से अब तब 80 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने लुभावनी नौकरी की पेशकश करने वाली कंपनियों से सचेत रहने की सलाह दी थी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से की मदद की अपील
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने म्यांमार में बंधक बनाए गए भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी में लिखा था कि राज्य सरकार को करीब 50 तमिलों सहित करीब 300 भारतीयों के म्यांमार में फंसे होने की सूचना मिली है, जो बहुत मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।