विदेश मंत्री एस. जयशंकर शुक्रवार से शुरू हो रहे गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए गुरुवार को युगांडा की राजधानी कंपाला पहुंचे।
जयशंकर ने यहां पहुंचने के तुरंत बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आगामी दो दिनों में सहकर्मियों के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक हूं।’’ उन्होंने अपनी यात्रा की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं और लिखा, ‘‘उन्नीसवें एनएएम शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कंपाला पहुंचा हूं।’’
भारत ने एनएएम और जी-77 समूह के शिखर सम्मेलन की मेजबानी में युगांडा के सहयोग के लिए देश को मदद स्वरूप 10 बसें, पांच एम्बुलेंस, 10 ट्रैक्टर और कुछ ध्वज स्तंभ प्रदान किए हैं। जयशंकर की कंपाला यात्रा युगांडा और नाइजीरिया के उनके दो देशों के दौरे का हिस्सा है।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने उनकी यात्रा से पहले नयी दिल्ली में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कंपाला के बाद विदेश मंत्री 21 जनवरी से नाइजीरिया की तीन दिवसीय यात्रा करेंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि युगांडा के नेतृत्व में एनएएम शिखर सम्मेलन 120 से अधिक विकासशील देशों को ऐतिहासिक महत्व के अहम मंच पर एक साथ लाता है। शिखर सम्मेलन का विषय ‘साझा वैश्विक समृद्धि के लिए गहन सहयोग’ है और इससे पहले मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह एनएएम विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत एनएएम के लिए युगांडा की थीम का पूरे दिल से समर्थन करता है और युगांडा के नेतृत्व में एनएएम के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक है। एनएएम के अग्रणी और संस्थापक सदस्यों में से एक के रूप में, भारत आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है।’’
एनएएम शिखर सम्मेलन के मौके पर जयशंकर के युगांडा के नेतृत्व और कई अन्य एनएएम सदस्य देशों के समकक्षों से मिलने की उम्मीद है।