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विदेश मंत्री जयशंकर ने हिंद महासागर क्षेत्र के देशों से संबंध मजबूत करने का आह्वान किया

जयशंकर ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) समेत विभिन्न क्षेत्रों में चीन की सैन्य आक्रमकता की ओर इशारा करते हुए यह टिप्पणी की।

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भाषा   
Last Updated- February 09, 2024 | 10:29 PM IST

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को संप्रभुता की रक्षा, समुद्री कानूनों की अवहेलना के मामलों से निपटने और लंबे समय से चली आ रही संधियों के उल्लंघन जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने का आह्वान किया। जयशंकर ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) समेत विभिन्न क्षेत्रों में चीन की सैन्य आक्रमकता की ओर इशारा करते हुए यह टिप्पणी की।

ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में सातवें हिंद महासागर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कई देशों के चीनी कर्ज जाल में फंसने को लेकर चिंताओं के बीच अस्थिर ऋण, अपारदर्शी ऋण प्रणालियों, अव्यवहार्य परियोजनाओं और “विवेकहीन” विकल्पों पर भी चिंता व्यक्त की। जयशंकर ने यह भी कहा कि ‘क्वाड’ समूह (भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका) दुनिया के “इस हिस्से” में एक बड़े सहयोग का समर्थन करता है।

उन्होंने कहा, “जब हम हिंद महासागर पर नजर डालते हैं, तो वहां दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियां पूरी तरह से प्रदर्शित होती हैं। एक छोर पर हमें संघर्ष, समुद्री खतरों, समुद्री लूट और आतंकवाद दिखता है। वहीं दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय कानून के समक्ष चुनौतियां हैं, नौवहन और उड़ानों की स्वतंत्रता व संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं।”

जयशंकर ने संप्रभुता की रक्षा, समुद्री कानूनों की अवहेलना के मामलों से निपटने और लंबे समय से चली आ रही संधियों के उल्लंघन जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच संबंध बढ़ाने का आह्वान किया।

First Published : February 9, 2024 | 10:29 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)