भारत ने विकासशील देशों के जी-33 समूह को साथ मिलकर काम करने और समान विचारधारा वाले देशों तक पहुंचने पर जोर दिया है, जिससे डब्ल्यूटीओ में निष्पक्ष, संतुलित और विकास केंद्रित परिणाम तक पहुंचा जा सके। भारत ने रविवार को कहा कि इसमें सार्वजनिक शेयरधारिता और विशेष सुरक्षा व्यवस्था का स्थायी समाधान निश्चित रूप से शामिल होना चाहिए।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह समूह लंबे समय से सब तक पहुंच वाले और प्रभावी विशेष सुरक्षा व्यवस्था (एसएसएम) पर जोर देता रहा है, जिससे आयात बढ़ने के अस्थिर करने वाले कारकों और दुष्प्रभावों से बचा जा सके, जो विकसित देशों की भारी सब्सिडी की वजह से होता है।
उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि हम सभी को सामंजस्य बनाए रखने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत है। साथ ही अन्य समान विचारधारा वाले देशों तक पहुंचकर इसे और मजबूत करना चाहिए, जिससे कि निष्पक्ष, संतुलित और विकास केंद्रित परिणाम के लिए समर्थन हासिल किया जा सके। साथ ही इसमें सार्वजनिक स्टॉकहोल्टिंग और एसएसएम के स्थाई समाधान को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।’