जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी अधिक मार्जिन वाले इलाकों और विकासशील बाजारों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ब्रिटेन और जर्मनी में कंज्यूमर-फाइनैंस कारोबार में विनिवेश का सहारा ले रही है और अपनी अमेरिकी कॉरपोरेट क्रेडिट कार्ड इकाई को बेच रही है।
जीई मनी के प्रमुख अधिकारी ने यह जानकारी दी है।जीई के मुख्य कार्यकारी विलियम कैरी ने लंदन से टेलीफोन पर एक साक्षात्कार में कहा कि हम उन बाजारों पर ध्यान दे रहे हैं जहां हम अधिक लाभ हासिल कर सकें।जीई ने विनिवेशीकरण की इस प्रक्रिया के क्रम में अपनी कॉरपोरेट चार्ज कार्ड यूनिट 1.1 अरब डालर यानी 44 अरब रुपये में अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी को बेचने पर सहमति जता दी है।
कंपनी ने जर्मनी और ब्रिटेन में जीई मनी इकाइयों के विनिमय पर भी सहमति जता दी है। इसके लिए इसने इटली की इंटरबैंसा कंपनी को चुना है।कैरी ने कहा कि लंदन स्थित जीई मनी अमेरिका और ब्रिटेन में मंदी को ध्यान में रखकर वहां अपना कारोबार घटा कर पोलैंड और भारत जैसे विकासशील बाजारों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि अपने कारोबार विस्तार के लिए कंपनी फ्रांस समेत कई पश्चिमी बाजारों में संभावना तलाश रही है।
स्टोर-ब्रांडे कार्ड जारी करने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनी जीई मनी ने पिछले साल अपनी यूएस सबप्राइम यूनिट, डब्ल्यूएमसी मॉर्गेज को बेच दिया था और जापानी कंज्यूमर यूनिट को अपनाया। जनरल इलेक्ट्रिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेफरी इमेल्ट अमेरिकी निजी लेबल यूनिट की बिक्री या साझेदारी के लिए संभावना तलाश रहे हैं।
फेयरफील्ड, कनेक्टीकट स्थित जनरल इलेक्ट्रिक का शेयर 4.13 बजे न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज में लगभग 22 सेंट से 36.61 डॉलर पर है। जीई ने पिछले 12 महीनों में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हासिल की है। कैरी ने कहा कि यह कंज्यूमर फाइनैंस से अलग होना नहीं है। यह सोच-समझ कर तैयार की गई रणनीति का एक हिस्सा है। जीई मनी अधिक लाभ वाले इलाकों में निवेश के लिए कमर्शियल फाइनेंस श्रेणी के साथ प्रतिस्पर्धा करती है।
जीई मनी पिछले वर्ष पोलैंड में यूनीक्रेडिट स्पा बैंक की इकाई बीपीएच यूनिट को 3560 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए सहमत हो गई थी। सितंबर में जीई मनी ने कहा था कि वह भारत में 2011 तक 800 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। लीमान ब्रदर्स के विश्लेषक रॉबर्ट कॉर्नेल के मुताबिक कॉरपोरेट पेमेंट सर्विसेज यूनिट की बिक्री से 800 से 1200 करोड़ रुपये या 2 सेंट से 3 सेंट प्रति शेयर का लाभ होने की संभावना है।