जनरेटिव कृत्रिम मेधा (AI) रचनात्मकता को बढ़ाने और भविष्य की नौकरियों के लिए रोजमर्रा के कामकाज को स्वचालित करते हुए श्रम बाजारों पर खासा असर डालने वाली है। एक अध्ययन रिपोर्ट में यह अनुमान पेश किया गया है।
विश्व आर्थिक मंच (WEF) की सोमवार को जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में भविष्य की नौकरियों पर AI के प्रभाव के तौर-तरीकों का आकलन पेश किया गया है। WEF ने इस श्वेत-पत्र में कहा कि कारोबार क्षेत्रों और सरकारों को श्रमबल पर पड़ने वाले AI के प्रभाव को लेकर तैयारी करनी चाहिए और सक्रिय कदम उठाने चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक, बदलावों को आत्मसात करने के लिए तैयार कार्यबल का गठन और नौकरियों के स्वरूप में बदलाव को सुविधाजनक बनाने वाली प्रणालियों को लागू करने जैसे बिंदुओं पर खास ध्यान देना होगा। WEF की रिपोर्ट कहती है कि रोजमर्रा के काम और बार-बार दोहराए जाने वाले भाषायी कामकाज से जुड़ी नौकरियों पर इस व्यवधान का सबसे अधिक जोखिम है। वहीं उच्चस्तर के निजी संपर्क या शारीरिक हलचल से जुड़ी नौकरियों पर इन बदलावों का असर सबसे कम होगा।
श्वेत पत्र कहता है कि ‘विशाल भाषायी मॉडल’ (LLM) उन नौकरियों के लिए वरदान हो सकते हैं जिनमें इंजीनियरिंग, गणित एवं वैज्ञानिक विश्लेषण सहित महत्वपूर्ण सोच-विचार, जटिल समस्याओं के समाधान से जुड़े कौशल और रचनात्मकता की जरूरत होती है। LLM सीखने से जुड़ी गहन गणना-पद्धति है जो भाषा के प्रसंस्करण से जुड़े विभिन्न स्वाभाविक कार्यों को संपादित कर सकती है।
LLM में रूपांतरण मॉडल का इस्तेमाल किया जाता है और उन्हें बड़े पैमाने पर आंकड़ों के समूह के इस्तेमाल से प्रशिक्षित किया जाता है। WEF ने कहा कि LLM उपकरण किसी भी व्यवसाय से जुड़े नियमित कार्यों को अधिक उत्पादक बनाकर और उनकी भूमिकाओं को अधिक फायदेमंद बनाते हुए श्रमिकों के लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं। इस अध्ययन में 867 विभिन्न पेशों से जुड़े ऐसे करीब 19,000 कार्यों का परीक्षण किया गया जो एलएलएम से प्रभावित हो सकते हैं।
इससे पता चला कि वित्तीय सेवाओं और पूंजी बाजार के अलावा बीमा एवं पेंशन प्रबंधन उद्योग में जनरेटिव AI का इस्तेमाल सबसे अधिक बढ़ने का अनुमान है। वहीं स्वचालन (ऑटोमेशन) से सबसे अधिक जोखिम नियमित एवं दोहराव वाले भाषायी कामकाज को है। इनमें कर्जों की स्वीकृति एवं जांच-परख से जुड़े क्रेडिट ऑथराइजर, चेकर और क्लर्क जैसी भूमिकाएं शामिल हैं।
इसके उलट शिक्षा, मार्गदर्शन, करियर परामर्शदाता और सलाहकारों के 84 प्रतिशत कार्यों में परिवर्तन का जोखिम कम है। इसके पहले WEF ने अपने एक अध्ययन में कहा था कि AI से प्रेरित बदलावों की वजह से अगले पांच वर्षों में 23 प्रतिशत वैश्विक नौकरियां बदल जाएंगी। विश्व आर्थिक मंच की प्रबंध निदेशक सादिया जहिदी ने कहा, ‘‘जनरेटिव AI श्रम बाजारों पर खासा प्रभाव डालने वाला है लेकिन यह असर विभिन्न क्षेत्रों की विभिन्न भूमिकाओं पर अलग-अलग होगा।’’