जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने मंगलवार को कहा कि उनके देश ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन के प्रमाणन की प्रक्रिया को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, क्योंकि पश्चिमी देश यूक्रेन संकट के मद्देनजर रूस के खिलाफ दंडात्मक उपाय कर रहे हैं। शोल्ज ने कहा कि उनकी सरकार ने यह फैसला पूर्वी यूक्रेन के दो अलग हुए क्षेत्रों की स्वायत्तता को मंजूरी देने के रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के फैसले के जवाब में लिया है। उन्होंने पुतिन के फैसले को अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने बर्लिन में संवाददाताओं से कहा, ‘अब यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर निर्भर है कि वह रूसी राष्ट्रपति की इस एकतरफा, समझ से बाहर और अनुचित कार्रवाई का जवाब दे।’
उन्होंने आगे कहा कि मॉस्को को यह संदेश देना अब जरूरी हो गया है कि उसकी ऐसी कार्रवाइयों का परिणाम अवश्य सामने आएगा। रूस से पाइपलाइन के जरिये जर्मनी तक प्राकृतिक गैस लाने की अमेरिका और कुछ यूरोपीय देश लंबे समय से आलोचना करते रहे हैं। इन देशों का कहना है कि यह रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर यूरोप की निर्भरता को बढ़ाता है। शोल्ज ने कहा, ‘अब स्थिति मूलरूप से अलग हो गई है।’ अपने इस बयान की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि अब सरकार ने जर्मनी की गैस आपूर्ति की सुरक्षा पर पाइपलाइन के प्रभाव से संबंधित रिपोर्ट वापस ले ली है। यह पाइपलाइन अभी चालू नहीं हुई है। शोल्ज ने कहा कि जर्मनी का अर्थव्यवस्था मंत्रालय नवीनतम घटनाक्रमों के परिप्रेक्ष्य में स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करेगा। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं कहूं तो इसमें निश्चित रूप से समय लगेगा।’
विश्व के नेता कर रहे विचार
रूस का कहना है कि वह पूर्वी यूक्रेन में ‘शांतिरक्षकों’ को भेज रहा है, लेकिन यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि यह यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन है। बोरेल ने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि यह एक पूर्ण आक्रमण है, लेकिन रूसी सैनिक यूक्रेन की धरती पर हैं।’ नवीनतम घटनाक्रम 27 देशों वाले संघ को ‘हाई अलर्ट मोड’ में जाने पर मजबूर करने के लिए पर्याप्त है और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री मंगलवार को बाद में निर्णय करेंगे कि प्रतिबंधों के पहले सिलसिले को कितना गहरा किया जाए। लिथुआनियाई प्रधानमंत्री इंग्रिडा सिमोनिटे और ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहैमेर ने घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त करते हुए कार्रवाई की आवश्यकता बताई। नेहैमेर ने कहा, ‘कई तरह के प्रतिबंध विकल्प हैं जिन्हें अब लक्षित तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है।’ संघर्ष यूक्रेन को तबाह कर सकता है और पूरे यूरोप में भारी आर्थिक क्षति का कारण बन सकता है, जो रूसी ऊर्जा पर बहुत अधिक निर्भर है।
घटनाक्रम से एशियाई देश भी चिंतित हैं। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर यूक्रेन संकट और अधिक गहराता है तथा अमेरिका समर्थित राष्ट्र रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाते हैं तो दक्षिण कोरिया में आर्थिक गिरावट से निपटने के लिए तैयार रहें। पुतिन ने मौजूदा संकट के लिए नाटो को जिम्मेदार ठहराया और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन को रूस के लिए एक संभावित खतरा बताया। न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री नानिया महुता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत पुतिन के लिए यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने का कोई आधार नहीं है।
नाटो सदस्य तुर्की, जिसके यूक्रेन और रूस दोनों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, ने पूर्वी यूक्रेन में क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के मॉस्को के फैसले की आलोचना की। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा, ‘हम रूस के इस फैसले को अस्वीकार्य मानते हैं। हम पक्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने का अपना आह्वान दोहराते हैं।’ रूस के पारंपरिक सहयोगी चीन ने संयम बरतने और संकट के कूटनीतिक समाधान का आह्वान करते हुए सधी हुई टिप्पणी की। वहीं, व्हाइट हाउस ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों में निवेश और व्यापार को प्रतिबंधित करने के लिए एक कार्यकारी आदेश जारी किया।
प्रतिबंधों की झड़ी लगा देंगे
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को कहा कि उनका देश आर्थिक प्रतिबंधों की ‘पहली बमबारी’ करके रूस को निशाना बनाएगा। उन्होंने आगाह किया कि राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ‘यूक्रेन के खिलाफ पूर्ण युद्ध’ शुरू करने को लेकर अड़े हुए हैं। पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों को मान्यता देने के रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के निर्णय के मद्देनजर सुबह कैबिनेट ऑफिस ब्रीफिंग रूम-ए (कोबरा) की आपातकालीन बैठक के बाद वह बोल रहे थे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने पुतिन पर यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
जॉनसन ने कहा, ‘उन्होंने सैनिकों को अंदर भेजा है, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा है, उन्होंने मिन्स्क समझौतों को खारिज किया और वर्ष 1994 में बुडापेस्ट में बनी सहमति को भी तार-तार कर दिया जिसमें यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात है।’ भाषा
रूस ने यूक्रेन के नियंत्रण वाले हिस्सों को विद्रोहियों के क्षेत्र के तौर पर मान्यता दी
रूस ने कहा है कि पूर्वी यूक्रेन स्थित क्षेत्रों की स्वतंत्रता को उसकी मान्यता वर्तमान में यूक्रेन के बलों के नियंत्रण वाले क्षेत्र तक फैली हुई है। मंगलवार को सामने आए इस बयान ने पश्चिमी देशों की चिंता को बढ़ा दिया है, जिन्हें आशंका है कि सोमवार को रूस द्वारा विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों को मान्यता देने के बाद वह यूक्रेन पर हमला कर सकता है। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस ने विद्रोहियों के नियंत्रण वाले उस क्षेत्र तक मान्यता दी है, जहां तक 2014 में उन्होंने अपनी स्वतंत्रता का ऐलान करते हुए अपना क्षेत्र करार दिया था। बाद में यूक्रेन के बलों ने करीब आठ साल लंबे चले संघर्ष में विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र के एक बड़े हिस्से पर दोबारा अपना नियंत्रण हासिल कर लिया था। इस संघर्ष में 14,000 से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने मंगलवार को कहा कि उनके देश ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन के प्रमाणन की प्रक्रिया को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, क्योंकि पश्चिमी देश यूक्रेन संकट के मद्देनजर रूस के खिलाफ दंडात्मक उपाय कर रहे हैं। शोल्ज ने कहा कि उनकी सरकार ने यह फैसला पूर्वी यूक्रेन के दो अलग हुए क्षेत्रों की स्वायत्तता को मंजूरी देने के रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के फैसले के जवाब में लिया है। उन्होंने पुतिन के फैसले को अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने बर्लिन में संवाददाताओं से कहा, ‘अब यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर निर्भर है कि वह रूसी राष्ट्रपति की इस एकतरफा, समझ से बाहर और अनुचित कार्रवाई का जवाब दे।’
उन्होंने आगे कहा कि मॉस्को को यह संदेश देना अब जरूरी हो गया है कि उसकी ऐसी कार्रवाइयों का परिणाम अवश्य सामने आएगा। रूस से पाइपलाइन के जरिये जर्मनी तक प्राकृतिक गैस लाने की अमेरिका और कुछ यूरोपीय देश लंबे समय से आलोचना करते रहे हैं। इन देशों का कहना है कि यह रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर यूरोप की निर्भरता को बढ़ाता है। शोल्ज ने कहा, ‘अब स्थिति मूलरूप से अलग हो गई है।’ अपने इस बयान की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि अब सरकार ने जर्मनी की गैस आपूर्ति की सुरक्षा पर पाइपलाइन के प्रभाव से संबंधित रिपोर्ट वापस ले ली है। यह पाइपलाइन अभी चालू नहीं हुई है। शोल्ज ने कहा कि जर्मनी का अर्थव्यवस्था मंत्रालय नवीनतम घटनाक्रमों के परिप्रेक्ष्य में स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करेगा। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं कहूं तो इसमें निश्चित रूप से समय लगेगा।’
विश्व के नेता कर रहे विचार
रूस का कहना है कि वह पूर्वी यूक्रेन में ‘शांतिरक्षकों’ को भेज रहा है, लेकिन यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि यह यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन है। बोरेल ने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि यह एक पूर्ण आक्रमण है, लेकिन रूसी सैनिक यूक्रेन की धरती पर हैं।’ नवीनतम घटनाक्रम 27 देशों वाले संघ को ‘हाई अलर्ट मोड’ में जाने पर मजबूर करने के लिए पर्याप्त है और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री मंगलवार को बाद में निर्णय करेंगे कि प्रतिबंधों के पहले सिलसिले को कितना गहरा किया जाए। लिथुआनियाई प्रधानमंत्री इंग्रिडा सिमोनिटे और ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहैमेर ने घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त करते हुए कार्रवाई की आवश्यकता बताई। नेहैमेर ने कहा, ‘कई तरह के प्रतिबंध विकल्प हैं जिन्हें अब लक्षित तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है।’ संघर्ष यूक्रेन को तबाह कर सकता है और पूरे यूरोप में भारी आर्थिक क्षति का कारण बन सकता है, जो रूसी ऊर्जा पर बहुत अधिक निर्भर है।
घटनाक्रम से एशियाई देश भी चिंतित हैं। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर यूक्रेन संकट और अधिक गहराता है तथा अमेरिका समर्थित राष्ट्र रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाते हैं तो दक्षिण कोरिया में आर्थिक गिरावट से निपटने के लिए तैयार रहें। पुतिन ने मौजूदा संकट के लिए नाटो को जिम्मेदार ठहराया और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन को रूस के लिए एक संभावित खतरा बताया। न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री नानिया महुता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत पुतिन के लिए यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने का कोई आधार नहीं है।
नाटो सदस्य तुर्की, जिसके यूक्रेन और रूस दोनों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, ने पूर्वी यूक्रेन में क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के मॉस्को के फैसले की आलोचना की। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा, ‘हम रूस के इस फैसले को अस्वीकार्य मानते हैं। हम पक्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने का अपना आह्वान दोहराते हैं।’ रूस के पारंपरिक सहयोगी चीन ने संयम बरतने और संकट के कूटनीतिक समाधान का आह्वान करते हुए सधी हुई टिप्पणी की। वहीं, व्हाइट हाउस ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों में निवेश और व्यापार को प्रतिबंधित करने के लिए एक कार्यकारी आदेश जारी किया।
प्रतिबंधों की झड़ी लगा देंगे
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को कहा कि उनका देश आर्थिक प्रतिबंधों की ‘पहली बमबारी’ करके रूस को निशाना बनाएगा। उन्होंने आगाह किया कि राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ‘यूक्रेन के खिलाफ पूर्ण युद्ध’ शुरू करने को लेकर अड़े हुए हैं। पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों को मान्यता देने के रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के निर्णय के मद्देनजर सुबह कैबिनेट ऑफिस ब्रीफिंग रूम-ए (कोबरा) की आपातकालीन बैठक के बाद वह बोल रहे थे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने पुतिन पर यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
जॉनसन ने कहा, ‘उन्होंने सैनिकों को अंदर भेजा है, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा है, उन्होंने मिन्स्क समझौतों को खारिज किया और वर्ष 1994 में बुडापेस्ट में बनी सहमति को भी तार-तार कर दिया जिसमें यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात है।’ भाषा
रूस ने यूक्रेन के नियंत्रण वाले हिस्सों को विद्रोहियों के क्षेत्र के तौर पर मान्यता दी
रूस ने कहा है कि पूर्वी यूक्रेन स्थित क्षेत्रों की स्वतंत्रता को उसकी मान्यता वर्तमान में यूक्रेन के बलों के नियंत्रण वाले क्षेत्र तक फैली हुई है। मंगलवार को सामने आए इस बयान ने पश्चिमी देशों की चिंता को बढ़ा दिया है, जिन्हें आशंका है कि सोमवार को रूस द्वारा विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों को मान्यता देने के बाद वह यूक्रेन पर हमला कर सकता है। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस ने विद्रोहियों के नियंत्रण वाले उस क्षेत्र तक मान्यता दी है, जहां तक 2014 में उन्होंने अपनी स्वतंत्रता का ऐलान करते हुए अपना क्षेत्र करार दिया था। बाद में यूक्रेन के बलों ने करीब आठ साल लंबे चले संघर्ष में विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र के एक बड़े हिस्से पर दोबारा अपना नियंत्रण हासिल कर लिया था। इस संघर्ष में 14,000 से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी।