facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Gold Eruption: हर दिन 5 लाख रुपये का सोना उगल रहा है यह ज्वालामुखी

12,448 फीट ऊंचा यह ज्वालामुखी धूल के विशाल बादल छोड़ता है जो 621 मील (1000 किलोमीटर) तक फैल सकते हैं।

Last Updated- April 17, 2024 | 6:45 PM IST
Mayon Volcano eruption

न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंटार्कटिका में स्थित एक सक्रिय ज्वालामुखी हर दिन भारी मात्रा में सोना वायुमंडल में उगल रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि माउंट एरेबस नामक यह ज्वालामुखी, जो अंटार्कटिका के 138 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है, हर दिन लगभग 80 ग्राम क्रिस्टलीकृत सोने से युक्त गैसें उगलता है। हर रोज उगले जाने वाले सोने की कीमत लगभग 6,000 डॉलर (5 लाख रुपये) है।

ज्वालामुखी धूल के विशाल बादल छोड़ता है

12,448 फीट ऊंचा यह ज्वालामुखी धूल के विशाल बादल छोड़ता है जो 621 मील (1000 किलोमीटर) तक फैल सकते हैं। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) अर्थ ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, सोने की धूल ज्वालामुखी से निकलने वाली कई चीजों में से एक है। ज्वालामुखी से निकलने वाली अन्य गैसों और पदार्थों में जल वाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और राख शामिल हैं।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, माउंट एरेबस ज्वालामुखी पतली परत वाली टेक्टोनिक प्लेट पर स्थित है, जिसके कारण पिघली हुई चट्टान (मैग्मा) आसानी से ऊपर उठ पाती है। यह ज्वालामुखी नियमित रूप से गैस और भाप का उत्सर्जन करता है। कभी-कभी, स्ट्रोमबोलियन विस्फोटों के दौरान यह ज्वालामुखी बड़ी चट्टानों (बम) को भी उगलता है। 1972 से, माउंट एरेबस के काल्डेरा (ज्वालामुखी के गड्ढे) में कम से कम एक लावा झील एक्टिव रही है।

माउंट एरेबस कम से कम 1972 से लगातार विस्फोट कर रहा है

न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में लैमोंट-डोहर्टी अर्थ ऑब्जर्वेटरी के कॉनर बेकन के अनुसार, माउंट एरेबस कम से कम 1972 से लगातार विस्फोट कर रहा है। यह ज्वालामुखी अपनी “लावा झील” के लिए भी प्रसिद्ध है, जो इसके शिखर पर स्थित एक गड्ढा है जहां पिघला हुआ पदार्थ मौजूद रहता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, “लावा झीलें” दुर्लभ हैं क्योंकि उनके लिए कुछ विशिष्ट परिस्थितियों का होना आवश्यक होता है ताकि सतह कभी जमे नहीं।

डिसेप्शन द्वीप अंटार्कटिक टीम ज्वालामुखी गतिविधि पर नज़र रखने के लिए जिम्मेदार है। वे बताते हैं कि डिसेप्शन द्वीप एक सक्रिय ज्वालामुखी है जो आखिरी बार 1970 में फटा था।

First Published - April 17, 2024 | 6:45 PM IST

संबंधित पोस्ट