facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

गूगल कर से भरी तिजोरी, 64 फीसदी बढ़ा संग्रह

Last Updated- December 10, 2022 | 2:14 AM IST

अमेरिका ने भारत में डिजिटल सेवा कर लगाने के खिलाफ प्रतिरोधी कर लगाने की चेतावनी दी है, वहीं इक्वलाइजेशन शुल्क की तीसरी किस्त जमा कराने के बाद इस शुल्क के संग्रह में 64 फीसदी का इजाफा हुआ है। इससे सरकार को प्रत्यक्ष कर संग्रह में सुधार लाने में थोड़ी मदद मिल सकती है। प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले महीने तक दो अंक में घटा था जो 7 जनवरी को 9.6 फीसदी कम रह गया।
डिजिटल शुल्क का मकसद गैर-भारतीय ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर कर लगाना है। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के बाद इस मद में 1,436 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ जबकि पिछले साल इसी मद में 877 करोड़ रुपये का डिजिटल कर मिला था।
पिछले साल तक यह कर केवल डिजिटल विज्ञापन सेवाओं पर ही 6 फीसदी की दर से लगाया जाता था लेकिन चालू वित्त वर्ष में इसका दायरा बढ़ाकर 1 अप्रैल, 2020 से 2 करोड़ रुपये सालाना कारोबार वाली गैर-भारतीय ई-कॉमर्स कंपनियों पर 2 फीसदी कर लगाया गया है। इसके कर के दायरे में एडोबी, उबर, जूम, एक्सपीडिया, अलीबाबा, आइकिया, लिंक्डइन, स्पोटीफाई और ईबे जैसी कंपनियां शामिल हैं।
रिफंड के बाद शुद्घ प्रत्यक्ष कर संग्रह 8 जनवरी तक 6.32 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल समान अवधि में 6.99 लाख करोड़ रुपये था। 16 दिसंबर को इसमें पिछले साल की तुलना में 13 फीसदी की कमी थी जो अब घटकर 9.6 फीसदी रह गई है।
सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ कर संग्र्रह में भी तेजी आ रही है। हमें उम्मीद है कि इस साल भी प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल के बराबर करीब 10.53 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। हालांकि विवाद से विश्वास तक समाधान योजना से प्रत्यक्ष कर संग्रह थोड़ा बढ़ भी सकता है।’
डिजिटल कर संग्रह में बेंगलूरु का करीब आधे का योगदान रहा। वहां की कंपनियों से सरकार को इस मद में कुल 723 करोड़ रुपये का कर मिला है। हैदराबाद में 422 करोड़ रुपये कर संग्रह हुआ था जबकि पिछले साल वहां से 269 करोड़ रुपये का डिजिटल कर मिला था। दिल्ली में डिजिटल कर संग्रह में 376 फीसदी का इजाफा हुआ और इस मद में कुल 181 करोड़ रुपये का कर मिला, जबकि पिछले साल 38 करोड़ रुपये का डिजिटल कर मिला था। मुंबई मेें पिछल साल की तुलना में दोगुना 82 करोड़ रुपये का डिजिटल कर मिला।
अमेरिकी व्यापार प्रतितिनिध के कार्यालय (यूएसटीआर) ने अपनी रिपोर्ट में धारा 301 में कहा है कि भारत में तकनीकी दिग्गजों पर 2 फीसदी का अतिरिक्त कर लगाना अनुचित और एमेजॉन, गगूल तथा फेसबुक जैसी अमेरिकी कंपनियों के साथ खिलाफ भेदभावपूर्ण करने जैसा है। यह अंतरराष्ट्रीय कर सिद्घांत के भी अनुरूप नहींं है।
व्यापार कानून की धारा 301 के तहत इस तरह के कर को कार्रवाई योग्य बताया है, जिसका मतलब है कि भारतीय उत्पादों पर भी प्रतिरोधी शुल्क लगाए जा सकते हैं। गुरुवार रात भारत सरकार ने बयान में कहा था कि वह अमेरिका के निर्णय का मूल्यांकन करेगी और राष्ट्र के हित को ध्यान में रखते हुए समुचित कदम उठाएगी।
प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य 13.19 लाख करोड़ रुपये रखा गया है जिसे हासिल करना कठिन लग रहा है लेकिन विभाग को उम्मीद है कि हम पिछले साल के बराबर करीब 10.53 लाख करोड़ रुपये कर जुटा लेंगे। तीसरी तिमाही में कुल अग्रिम कर संग्रह 33 फीसदी बढ़कर 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा। अप्रैल से दिसंबर के दौरान अग्रिम कर संग्रह 2.99 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 6 फीसदी कम है।

First Published - January 8, 2021 | 11:06 PM IST

संबंधित पोस्ट