बीते कुछ दिनों से लगातार बाढ़ से परेशान पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर भी झटका लगा है। पाकिस्तान पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा था लेकिन बाढ़ के कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से टूट चुकी है। अनुमान के मुताबिक बाढ़ के कारण पाकिस्तान की जीडीपी में इस वित्त वर्ष में 3 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक कमी आएगी।
विनाशकारी बाढ़
पाकिस्तान बीते कुछ दिनों से लगातार विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है। बाढ़ का प्रभाव देश के एक तिहाई से अधिक हिस्से पर है। बाढ़ के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं। हर तरफ बर्बादी का मंजर है। फसलें तबाह हो चुकी हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका सिंध प्रांत है। अब तक इस विनाशकारी बाढ़ के कारण 1400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं जबकि लाखों आबादी इससे प्रभावित है।
फसल बर्बाद, भुखमरी के हालात
बाढ़ के कारण लगभग 10 लाख एकड़ से अधिक की फसल बर्बाद हो चुकी है। सबसे अधिक नुकसान कपास की फसल को हुआ है। कपास की करीब 10 लाख एकड़ की फसल बाढ़ के चलते तबाह हो चुकी है। 6 लाख एकड़ धान की फसल और 7 लाख एकड़ गन्ने की फसल बर्बाद हो चुकी है। देश में सब्जी की कुल खेती का 50 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हो चुका है। अगर कुल नुकसान की बात करें तो लगभग 2.2 लाख करोड़ की फसल बर्बाद हुई है जो पाकिस्तान की कुल जीडीपी का करीब 3 प्रतिशत है।
प्रधानमंत्री की मदद की गुहार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को इस संकट से निकलने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न इस संकट के समय दुनिया को हमारे साथ खड़े होने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव का पाकिस्तान दौरा
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस शुक्रवार को दो दिवसीय पाकिस्तान दौरे पर पहुचें। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मिलकर हालात के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ये संख्या भयावह है। मैं उन परिवारों को देख रहा हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों, घरों, फसलों, नौकरियों को खो दिया है और निराशाजनक परिस्थितियों में रह रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी बाढ़ पीड़ितों की मदद करने का आह्वान करते हुए कहा, पाकिस्तान को इस संकट से उबरने के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता की जरूरत है।इसके साथ साथ उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि दुनिया एक आपदा की ओर बढ़ रही है। हमने प्रकृति के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है और प्रकृति विनाशकारी तरीके से पलटवार कर रही है। आज पाकिस्तान में जो हो रहा है वह पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसपर विचार करने की जरूरत है।