ऊंची ब्याज दरों का बोझ भारतीय रियल एस्टेट और वाहन क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा, क्योंकि ग्राहक नए मकानों और कारों की खरीदारी में विलंब करेंगे।
रियल एस्टेट डेवलपरों को आशंका है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने से आवास ऋण दरें बढ़ जाएंगी और इससे ग्राहकों की ईएमआई में इजाफा हो जाएगी। मुंबई की रियल एस्टेट डेवलपर हीरानंदानी गु्रप के प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि नियामक को यह सुनिश्चित करना होगा कि लोगों पर मुद्रास्फीति संबंधित दबाव आवास ऋणों पर ऊंची दरों के तौर पर बहुत ज्यादा न पड़े। हीरानंदानी ने कहा, ‘भारत में मुद्रास्फीति दरें आरबीआई के ऊपरी दायरे को पार कर गई हैं और इस कदम का तर्क समझने योग्य है, लेकिन हमें उम्मीद है कि आवास ऋण प्रभावित नहीं होंगे।’
बहुराष्ट्रीय रियल एस्टेट सलाहकार एवं शोध फर्म जेएलएल में मुख्य अर्थशास्त्री सामंतक दास ने कहा कि अचानक हुई इस दर वृद्घि का रियल एस्टेट क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि आवास ऋण दरें तुरंत बढ़ जाएंगी। दास ने कहा, ‘पांच साल बाद, हमने किफायती योजनाओं पर जोर दिए जाने की वजह से पिछली कुछ तिमाहियों में आवासीय बिक्री और नई पेशकशों में अच्छी वापसी दर्ज की है। लेकिन इस रीपो दर वृद्घि के साथ साथ निर्माण क्षेत्र में लागत संबंधित महंगाई से आवासीय क्षेत्र की वृद्घि धीमी पड़ सकती है, जो रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए अच्छा नहीं होगा।’
आरबीआई ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब रियल एस्टेट उद्योग में सुधार सिर्फ शुरू ही हुआ है। रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुसार, मुंबई में संपत्ति बिक्री पंजीकरण की संख्या अप्रैल में 11,744 आवास रही और राज्य का कर राजस्व संग्रह आवास बिक्री से अप्रैल में एक दशक में सबसे अच्छा रहा। टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक संजय दत्त ने कहा कि दर वृद्घि एक मुख्य चिंता है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे विश्वास है कि मुद्रास्फीति रियल एस्टेट में उत्साह लाएगी। कई घर खरीदार इसे एक ट्रेंड के तौर पर देखेंगे और अफसोस जताने के बजाय जल्द घर खरीदने की कोशिश करेंगे।’
अन्य रियल एस्टेट डेवलपरों ने भी दर वृद्घि का प्रभाव पडऩे की आशंका से इनकार किया है। ओबेरॉय रियल्टी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक विकास ओबेरॉय ने कहा कि दर वृद्घि से बाजार प्रभावित नहीं होगा। ओबेरॉय रियल्टी का शेयर इस घोषणा के बाद 3.3 प्रतिशत गिर गया था।
वाहन उद्योग को दर वृद्घि को लेकर आशंकित था और दोपहिया बिक्री अभी भी सुस्त बनी हुई है। कारों की बिक्री अप्रैल में धीमी रही और बाजार दिग्गज मारुति सुजूकी ने अपनी घरेलू बिक्री में 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि आरबीआई के इस कदम से व्यवस्था में अतिरिक्त नकदी प्रभावित होगी और वाहन ऋण महंगे हो जाएंगे। गुलाटी ने कहा, ‘जहां कार सेगमेंट लंबी प्रतीक्षा अवधि की वजह से इस झटके को सहन करने में सक्षम हो सकता है, वहीं दोपहिया ऊंची वाहन ऋण लागत का अन्य दबाव सहन नहीं कर पाएगा। इससे निश्चित तौर पर धारणा प्रभावित होगी।’
(साथ में अरिंदम मजूमदार और सोहिनी दास)