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इमरान ने बुलाई सुरक्षा समिति की बैठक

Last Updated- December 11, 2022 | 8:21 PM IST

पाकिस्तान में सियासी चुनौतियों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की एक बैठक बुलाई, जो सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए सर्वोच्च मंच है। इससे एक दिन पहले सत्ताधारी गठबंधन में एक अहम सहयोगी दल के पाला बदलने के बाद प्रधानमंत्री संसद में प्रभावी रूप से बहुमत खो चुके हैं और विपक्ष पहले ही उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर चुका है।
सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट किया कि एनएससी की बैठक प्रधानमंत्री आवास में होगी। एनएससी की अध्यक्षता प्रधान मंत्री करते हैं और इसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख, प्रमुख मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और शीर्ष खुफिया अधिकारी शामिल होते हैं। चौधरी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री खान आज शाम राष्ट्र को संबोधित भी करेंगे।
प्रधानमंत्री खान के विश्वासपात्र सीनेटर फैसल जावेद खान ने भी ट्वीट कर संबोधन की पुष्टि की और कहा कि संबोधन का सही समय बाद में साझा किया जाएगा। इससे एक दिन पहले बुधवार को प्रधानमंत्री ने अपने कैबिनेट सदस्यों के साथ जल्दबाजी में बुलाई गई बैठक में एक पत्र साझा किया कथित तौर पर अपनी सरकार को हटाने के लिए एक ‘विदेशी साजिश’ का सबूत दिखाते हुए। इस बैठक में हालांकि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के दो प्रमुख सहयोगी दलों – मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) – ने आमंत्रित किए जाने के बावजूद हिस्सा नहीं लिया।
समझौते पर पहुंचने के प्रयास जारी
दो प्रमुख सहयोगी दलों के पाला बदलने के बाद 342 सदस्यीय नैशनल असेंबली में बहुमत खोने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान और संयुक्त विपक्ष के बीच निचले सदन को भंग करने के लिए समझौते पर पिछले दरवाजे से प्रयास चल रहे हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। संघीय सरकार में उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार और संयुक्त विपक्ष के बीच पिछले दरवाजे से बातचीत चल रही है। सूत्र ने कहा, ‘बातचीत एक बिंदु पर केंद्रित है- संयुक्त विपक्ष खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस लेगा और बदले में वह नैशनल असेंबली को नए सिरे से चुनाव के लिए भंग करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘अगर विपक्ष और सरकार के बीच समझौता हो जाता है तो प्रतिष्ठान में शीर्ष व्यक्ति गारंटर हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर यह समझौता हो जाता है, तो इस साल अगस्त में नए चुनाव होंगे।’
उन्होंने कहा कि चूंकि विपक्ष खान पर भरोसा नहीं कर रहा है, इसलिए गारंटर उसकी चिंताओं को शांत कर सकता है।     भाषा

अमेरिका ने भूमिका से इनकार किया
अमेरिका ने पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में वाशिंगटन की भूमिका होने के आरोपों को खारिज किया। गुरुवार को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने कहा कि उसने पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर मुल्क को कोई पत्र नहीं भेजा है। पाकिस्तान के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को संसद में उस समय बहुमत खो दिया, जब सत्तारूढ़ गठबंधन का एक प्रमुख भागीदार मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) विपक्षी खेमे में शामिल हो गया। विपक्षी खेमे ने नैशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इमरान दावा कर रहे हैं कि विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव उनकी विदेश नीति के विरोध में रची गई एक ‘विदेशी साजिश’ का नतीजा है और उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विदेश से धन की आपूर्ति की जा रही है। इमरान ने बुलाई सुरक्षा समिति की बैठक
पाकिस्तान में सियासी चुनौतियों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की एक बैठक बुलाई, जो सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए सर्वोच्च मंच है। इससे एक दिन पहले सत्ताधारी गठबंधन में एक अहम सहयोगी दल के पाला बदलने के बाद प्रधानमंत्री संसद में प्रभावी रूप से बहुमत खो चुके हैं और विपक्ष पहले ही उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर चुका है।
सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट किया कि एनएससी की बैठक प्रधानमंत्री आवास में होगी। एनएससी की अध्यक्षता प्रधान मंत्री करते हैं और इसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख, प्रमुख मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और शीर्ष खुफिया अधिकारी शामिल होते हैं। चौधरी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री खान आज शाम राष्ट्र को संबोधित भी करेंगे।
प्रधानमंत्री खान के विश्वासपात्र सीनेटर फैसल जावेद खान ने भी ट्वीट कर संबोधन की पुष्टि की और कहा कि संबोधन का सही समय बाद में साझा किया जाएगा। इससे एक दिन पहले बुधवार को प्रधानमंत्री ने अपने कैबिनेट सदस्यों के साथ जल्दबाजी में बुलाई गई बैठक में एक पत्र साझा किया कथित तौर पर अपनी सरकार को हटाने के लिए एक ‘विदेशी साजिश’ का सबूत दिखाते हुए। इस बैठक में हालांकि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के दो प्रमुख सहयोगी दलों – मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) – ने आमंत्रित किए जाने के बावजूद हिस्सा नहीं लिया।
समझौते पर पहुंचने के प्रयास जारी
दो प्रमुख सहयोगी दलों के पाला बदलने के बाद 342 सदस्यीय नैशनल असेंबली में बहुमत खोने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान और संयुक्त विपक्ष के बीच निचले सदन को भंग करने के लिए समझौते पर पिछले दरवाजे से प्रयास चल रहे हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। संघीय सरकार में उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार और संयुक्त विपक्ष के बीच पिछले दरवाजे से बातचीत चल रही है। सूत्र ने कहा, ‘बातचीत एक बिंदु पर केंद्रित है- संयुक्त विपक्ष खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस लेगा और बदले में वह नैशनल असेंबली को नए सिरे से चुनाव के लिए भंग करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘अगर विपक्ष और सरकार के बीच समझौता हो जाता है तो प्रतिष्ठान में शीर्ष व्यक्ति गारंटर हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर यह समझौता हो जाता है, तो इस साल अगस्त में नए चुनाव होंगे।’
उन्होंने कहा कि चूंकि विपक्ष खान पर भरोसा नहीं कर रहा है, इसलिए गारंटर उसकी चिंताओं को शांत कर सकता है।     भाषा

अमेरिका ने भूमिका से इनकार किया
अमेरिका ने पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में वाशिंगटन की भूमिका होने के आरोपों को खारिज किया। गुरुवार को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने कहा कि उसने पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर मुल्क को कोई पत्र नहीं भेजा है। पाकिस्तान के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को संसद में उस समय बहुमत खो दिया, जब सत्तारूढ़ गठबंधन का एक प्रमुख भागीदार मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) विपक्षी खेमे में शामिल हो गया। विपक्षी खेमे ने नैशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इमरान दावा कर रहे हैं कि विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव उनकी विदेश नीति के विरोध में रची गई एक ‘विदेशी साजिश’ का नतीजा है और उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विदेश से धन की आपूर्ति की जा रही है।

First Published - March 31, 2022 | 11:43 PM IST

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