पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति आनी चाहिए। अपने देश के लोगों की दृढ़ इच्छा के मुताबिक एक बार उन्होंने फिर यह बात दोहराई हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में स्थायी शांति तभी आ सकती है जब जम्मू-कश्मीर समस्या का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और देखरेख मे हो। इसमें कश्मीरियों की इच्छा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम भारत से बातचीत के जरिये स्थायी शांति चाहते है। क्योंकि युद्ध किसी देश के लिए कोई विकल्प नहीं होता है।
शरीफ ने आगे कहा कि भारत और पाकिस्तान को व्यापार, ग्रोथ और अपने देश के लोगों को अच्छी स्थिति में लाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
पाकिस्तान आक्रामक नहीं है। हमारे पास परमाणु बम और एक अच्छी अनुशासित सेना है जो हमारी अपनी सुरक्षा के लिए है। हम अपनी सेना का उपयोग किसी और पर आक्रमण के लिए ना करके अपनी सुरक्षा के लिए करते है।
यह सभी छात्र अलग-अलग देशों से हैं और विभिन्न विषयों की पढ़ाई कर रहे है। पाकिस्तानी पीएम ने इन सभी छात्रों का स्वागत किया और पाकिस्तान की आज की चुनौतियों पर खुली बातचीत की।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संरचनात्मक संकट से जूझ रही है। पाकिस्तान पिछले कई दशकों से राजनीतिक अस्थिरता का सामना भी कर रहा है।
भारत से अलग होने के शुरुआती दशक में इसने काफी अच्छी प्रगति की थी। लेकिन बाद में यह राजनीतिक अस्थिरता और पॉलिसी फेलियर का शिकार हो गया। जिससे इसकी आर्थिक प्रगति रुक गई।