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डब्ल्यूटीओ में उठा इंडोनेशिया का मुद्दा

Last Updated- December 11, 2022 | 7:17 PM IST

भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में इंडोनेशिया द्वारा निर्मित कई व्यापार बाधाओं के संबंध में चिंता जताई है। इनमें पाम तेल पर निर्यात प्रतिबंध और गोवंश के मांस तथा वाहनों के पुर्जों पर आयात प्रतिबंध शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि ऐसे उपायों से भारत पर प्रतिकूल असर पड़ा डाला है।
इस चर्चा से अवगत एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि भारत इंडोनेशिया के आयात प्रतिस्थापन कार्यक्रम और निर्यात नीतियों से चिंतित है। इंडोनेशिया आयात और निर्यात पर कई प्रतिबंध लगा रहा है, जो भारतीय कारोबारों को निर्यात के साथ-साथ आपूर्ति शृंखला में व्यवधान दोनों ही लिहाज से प्रभावित कर रहा है। हमने डब्ल्यूटीओ में मार्केट एक्सेस समिति और वस्तु व्यापार परिषद में यह मामला उठाया है। हालांकि इंडोनेशिया ने द्विपक्षीय वार्ता में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है।
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल की कमी के बीच पिछले सप्ताह इंडोनेशिया ने कच्चे और रिफाइंड पाम तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। मलेशिया के बाद इंडोनेशिया भारत के लिए पाम तेल का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। भारत ने वर्ष 2021 में इंडोनेशिया से अपने कुल पाम तेल आयात का 42 प्रतिशत (34 लाख टन) आयात किया था। इस प्रतिबंध से पहले इंडोनेशिया ने पाम तेल पर अधिक निर्यात शुल्क और निर्यात कर लगाया था और साथ ही साथ निर्यात सीमित करने वाली प्रक्रिया अपनाई थी, जिससे भारत में पाम तेल और खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आ रही थी। अधिकारी ने कहा कि भारत ने इंडोनेशिया से पाम तेल के मूल्य वृद्धि न करते हुए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।
इंडोनेशिया ने गोवंश मांस आयात का वार्षिक कोटा भी कम कर दिया है। ऐसे आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध हैं, जिससे निर्यात की लागत में इजाफा होता है। प्याज, आलू आदि जैसे कृषि उत्पादों के लिए बागवानी उत्पाद आयात सिफारिश जारी करने में देरी किए जाने से भी भारत के निर्यात पर असर पड़ा है। अधिकारी ने कहा कि हमने इंडोनेशिया से अदरक के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के लिए भी कहा है।
भारत ने वर्ष 2021 में 26.2 करोड़ डॉलर मूल्य का गोवंश मांस और तीन करोड़ डॉलर मूल्य की सब्जियों का निर्यात किया था। इंडोनेशिया ने वाहनों और कलपुर्जों के आयात पर मात्रात्मक प्रतिबंध भी लगाया है। 
अधिकारी ने कहा कि भारतीय वाणिज्यिक वाहनों के आयात के लिए आयात परमिट जारी करने में देरी से भारतीय वाहन कंपनियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इंडोनेशियाई नीतियां भारतीय रसायन एवं फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।
वर्ष 2021 में भारत ने इंडोनेशिया को 36.6 करोड़ डॉलर का वाहन एवं कलपुर्जों, 53.6 करोड़ डॉलर का जैविक रसायनों और 11.9 करोड़ डॉलर का फार्मास्युटिकल निर्यात किया था।
वर्ष 2021 में इंडोनेशिया को किया जाने वाला कुल निर्यात 43.1 प्रतिशत बढ़कर 8.1 अरब डॉलर हो गया, जबकि इसी अवधि के दौरान आयात 39.1 प्रतिशत बढ़कर 16.7 अरब डॉलर हो गया, जिससे 8.6 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ।

First Published - May 4, 2022 | 12:48 AM IST

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