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माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, नहीं चाहिए याहू का साथ

Last Updated- December 05, 2022 | 11:04 PM IST

माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीव बॉल्मर ने आखिरकार दो टूक शब्दों में कह ही दिया कि वह किसी भी हालत में याहू को खरीदने के लिए रकम नहीं बढ़ाएंगे, भले ही उन्हें याहू का साथ मिले या नहीं।


मंगलवार को याहू ने पहली तिमाही के नतीजे जारी किए हैं और कंपनी के परिणाम अनुमान से बेहतर रहे हैं। सॉफ्टवेयर दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ से जब यह पूछा गया कि क्या परिणाम आने के बाद वह याहू को खरीदने के लिए और रकम चुकाने को तैयार हैं तो उन्होंने इसका जवाब साफ नहीं में दिया। बॉल्मर ने कहा, ‘ हम याहू को पहले ही काफी पैसे की पेशकश दे चुके हैं।’


मिलान में एक संवाददाता सम्मलेन में बामर ने कहा, ‘अगर याहू के शेयरधारकों को यह प्रस्ताव मंजूर है तो ठीक है, वरना हमें याहू के अधिग्रहण में दिलचस्पी नहीं है।’ माइक्रोसॉफ्ट ने ऑनलाइन विज्ञापन की दुनिया में गूगल के साम्राज्य को चुनौती देने के लिए याहू को खरीदने का मन बनाया था।


बॉल्मर से जब यह पूछा गया कि अगर याहू के साथ बात जम नहीं पाती है तो क्या वह गूगल को खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो बामर ने कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि गूगल को खरीदने के लिए बहुत पैसों की जरूरत होगी और नियमों के तहत यह सही भी नहीं होगा।


याहू के नतीजे


याहू ने मंगलवार को तिमाही के नतीजे जारी किए। कंपनी के परिणाम उम्मीद से भी बेहतर रहे हैं। पहली तिमाही में कंपनी के राजस्व में 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 1.82 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। अगर याहू की उस देनदारी को अलग कर दिया जाए जो उसे विज्ञापन कंपनियों को देनी पड़ी है तो याहू के राजस्व में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।


इस तरह कंपनी का राजस्व बढ़कर 1.35 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसके पहले विश्लेषकों ने अनुमान लगाया था कि कंपनी का राजस्व 1.32 डॉलर रह सकता है। याहू ने संभावना जताई थी कि वर्ष 2008 के लिए कंपनी का राजस्व 7.2 से 8 अरब डॉलर के बीच रह सकता है। कंपनी अब भी अपने इस अनुमान पर काबिज है।
 
आरबीसी कैपिटल मार्केट्स के रॉस सैंडलर  ने कहा, ‘मुझे लगता है कि सब को मानना चाहिए कि कंपनी ने अपने राजस्व में अच्छी खासी बढ़ोतरी दर्ज की है।’ कंपनी के परिणाम जारी करते हुए सीईओ जेरी यांग ने कहा कि कंपनी ने शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट की ओर से अधिग्रहण को लेकर जितने भी पेंच लगाए गए थे उसके बाद भी कंपनी के नतीजों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।


उन्होंने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के अधिग्रहण से ज्यादा हमारी नजरें अर्थव्यवस्था पर टिकी हुई हैं, यही वजह है कि हम इतना बेहतर परिणाम दे पाए हैं।इन दोनों कंपनियों से इतर कुछ बाहरी कंपनियों के विश्लेषकों का भी यही मानना है कि माइक्रोसॉफ्ट की बोली अच्छी है और याहू के लिए इसे अस्वीकार करने का कोई आधार नहीं है।


कोवेन ऐंड कॉरपोरेशन के विश्लेषक जिम फ्राइडलैंड कहते हैं, ‘माइक्रोसॉफ्ट ने राहत की सांस ली होगी।’ उन्होंने कहा कि भले ही याहू के नतीजे ठोस हैं पर अब भी यह कहा जा सकता है कि माइक्रोसॉफ्ट के प्रस्ताव से फिलहाल कोई दूसरा प्रस्ताव नहीं हो सकता है।


वहीं दूसरी ओर थ्राइवेंट फाइनेंशियल के कोष प्रबंधक माइक बिंजर का कहना है कि माइक्रोसॉफ्ट अब भी अपनी पेशकश पर बनी रहेगी। बिंजर के पास दोनों ही कंपनियों के शेयर हैं। वहीं याहू के प्रमुख वित्तीय अधिकारी ब्लेक जॉरगेनसन ने दोहराया है कि उन्हें इस डील से कोई आपत्ति नहीं है।


जॉरगेनसन ने कहा कि उन्हें बस इस बात से ऐतराज है कि माइक्रोसॉफ्ट ने याहू को उसके वास्तविक मूल्य से कमतर आंका है। वहीं याहू की ओर से इस बात का भी खुलासा किया गया है कि कंपनी पहले ही इस डील को लेकर परामर्शदाताओं से सलाह लेने में 1.4 करोड़ डॉलर खर्च कर चुकी है। ऐसे में इतनी कम पेशकश पर डील कर पाना मुमकिन नहीं है।

First Published - April 23, 2008 | 10:19 PM IST

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