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तेल पाइपलाइन बिछाने के लिए नेपाल ने भारत से मांगी मदद, भारत सरकार को भेजा प्रस्ताव

Last Updated- December 11, 2022 | 4:02 PM IST

नेपाल ने भारत सरकार से सहयोग समझौते के तहत दो अन्य पेट्रोलियम पाइपलाइन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए भारत से तकनीकी सहयोग एवं अनुदान सहायता मांगी है। 

नेपाली अधिकारियों के अनुसार नेपाल सरकार ने भारत के साथ सरकार के स्तर पर सहयोग समझौते का खाका तैयार किया है जिसमें दो अन्य पेट्रोलियम पाइपलाइन परियोजनाएं स्थापित करने में मदद मांगी जाएगी। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा जा चुका है। इसके पहले बिहार के मोतिहारी और नेपाल के अमलेखगंज के बीच 69 किलोमीटर लंबी पेट्रोलियम पाइपलाइन परियोजना स्थापित की जा चुकी है और उसका परिचालन तीन साल से चालू है। 

भारत की मदद से स्थापित इस पाइपलाइन की शुरुआत सितंबर 2019 में हुई थी और इसका इस्तेमाल नेपाल को डीजल की आपूर्ति के लिए किया जा रहा है। अब नेपाल सरकार पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी और नेपाल के झापा के बीच 52 किलोमीटर लंबी और नेपाल के ही दो कस्बों- अमलेखगंज एवं लोठार के बीच 69 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाने में भारत की मदद मांग रही है। सिलीगुड़ी-झापा पाइपलाइन के निर्माण पर 288 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है जबकि अमलेखगंज-चितवन पाइपलाइन पर 128 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।

नेपाल के उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्रालय में अवर सचिव उर्मिला के सी ने कहा कि ये दोनों पाइपलाइन मोतिहारी-अमलेखगंज पाइपलाइन के विस्तार के तौर पर स्थापित करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा, ‘‘इन परियोजनाओं के विस्तृत सर्वेक्षण का काम दोनों ही देशों की साझा टीम पहले ही पूरी कर चुकी है। अब हम इन परियोजनाओं के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के संदर्भ में भारत की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इन पाइपलाइन का काम पूरा हो जाने के बाद विमानों को ईंधन आपूर्ति के अलावा अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति भी आसान हो जाएगी।

First Published - September 2, 2022 | 7:56 PM IST

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