राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अभूतपूर्व आर्थिक संकट की चपेट में आए अमेरिका के लिए 2009 को चुनौती भरा साल बताते हुए देश में 40 लाख रोजगार सृजित करने और अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए कई उपाय करने का संकल्प व्यक्त किया।
पिछले महीने 20 जनवरी को राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में ओबामा ने कहा, ‘मौजूदा समय में मंदी ने निजी क्षेत्र को कमजोर कर दिया है। लेकिन यूरोप ने संरक्षणवाद के प्रति ओबामा को आगाह किया है।
ओबामा ने साफगोई से अमेरिका के सामने मौजूदा आर्थिक संकट के मद्देनजर ऊर्जा, शिक्षा और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में तुरंत रोजगार के नए-नए अवसर तैयार करने और अर्थव्यवस्था में गिरावट रोकने के लिए ठोस बदलाव लाने का वादा किया।
ओबामा ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को दुष्चक्र से केवल संघीय सरकार ही निकाल सकती है। उन्होंने कांग्रेस से मतभेद दूर कर 800 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज को पारित करने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘केवल सरकार ही उस दुष्चक्र को तोड़ सकती है जिसकी वजह से लोगों की नौकरियां छिनी हैं। लोग कम खर्च कर रहे हैं और बड़े पैमाने पर छंटनी हो रही है।’
ओबामा ने कहा कि आर्थिक सुधार और पुनर्निवेश योजना का लक्ष्य चालीख लाख लोगों के रोजगार को सुरक्षित करना या उनके लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
क्योंकि इस समय अमेरिका को इसकी सबसे अधिक जरूरत है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रोत्साहन योजना के पारित हो जाने से रोजगार गंवा चुके अमेरिकियों को बड़े पैमाने पर बेरोजगारी लाभ मिलेगा और उनकी स्वास्थ्य सुविधाएं जारी रहेंगी।
उन्होंने कहा, ‘हम उन लोगों को कर में ढ़ाई हजार डॉलर की छूट देंगे जो कॉलेज शिक्षा की फीस देने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। कामगार और मध्यवर्गीय परिवारों को एक हजार डॉलर मूल्य की कर राहत भी दी जाएगी। यह उनके लिए बेहद जरूरी है।’
ओबामा ने कहा कि इन उपायों से अमेरिकियों की जेब में अधिक से अधिक धन आएगा और वह इसे खर्च करना चाहेंगे। जाहिर है इससे हमारी अर्थव्यवस्था में गतिशील होगी। राष्ट्रपति बराक ने अमेरिकी संसद से इस प्रोत्साहन पैकेज को तत्काल मंजूरी देने की बात कही है।
उनका कहना है कि किसी भी तरह की देरी खतरनाक साबित हो सकती है। अमेरिकी संसद के निचले सदन में इस राहत पैकेज को मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन ऊपरी सदन सीनेट में इस राहत पैकेज की मंजूरी का अंतिम फैसला होने में अभी बहुत तकरार के आसार नजर आ रहे हैं।