तेल निर्यातक देशों के समूह (ओपेक) के अध्यक्ष चकीब खलील ने एक बार फिर कहा है कि समूह देशों को कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि अगर उत्पादन को बढ़ाया भी जाता है तो कीमतें नीचे आएंगी इसकी संभावना नहीं के बराबर है।कुवैत के वाणिज्य एवं उद्योग चैम्बर के दौरे पर खलील ने कहा, ‘मांग और आपूर्ति में सामंजस्य होने की वजह से उत्पादन का कोई खास प्रभाव कीमतों पर पड़ने की उम्मीद नहीं है।’
उन्होंने साथ ही इशारा किया कि पिछले साल भी ओपेक ने जब तेल का उत्पादन बढ़ाया था तो कीमतों में कमी नहीं आई थी। उन्होंने कहा कि तेल की तेज कीमतों पर उत्पादन बढ़ाने का कोई असर नहीं देखा गया था। कच्चे तेल की कीमतें पिछले तीन वर्षों में दोगुनी हुई हैं और 18 अप्रैल को तो कीमतें रिकार्ड प्रति बैरल 116.97 डॉलर पर पहुंच गई थीं। उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों में तेजी की वजह अमेरिकी मंदी और अमेरिकी डॉलर के मूल्य में गिरावट रही है।
वहीं दूसरी ओर ओपेक के महासचिव अब्दल्ला अल बदारी ने भी कमजोर डॉलर को तेल की कीमतों में लगी आग के लिए दोषी ठहराया। अल बदारी ने कहा, ‘जब तक ऐसी स्थितियां बनी रहेंगी तब तक कीमतों में गिरावट की अपेक्षा करना बेकार है।’ बदारी रोम में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा फोरम में शिरकत कर रहे थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया की कीमतों में तेजी का फंडामेंटल्स से कुछ लेना देना नहीं है। पर उन्होंने यह माना की तेल की कीमतों में लगी आग से मांग में कमी आ सकती है।
बदारी ने कहा कि जहां अमेरिका समेत विश्व के कुछ दूसरे हिस्सों में तेल की मांग कम हो सकती है, वहीं एशियाई बाजार में मांग पर कोई असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। इसके पहले भी ओपेक अधिकारी तेल उत्पादन में बढ़ोतरी करने की मांग को खारिज करते आए हैं। सउदी अरबियाई तेल मंत्री अली अल नैमी ने कहा कि तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी राजनीतिक उठापटक रही है। उन्होंने अमेरिका और यूरोप के तेल उत्पादन में बढ़ोतरी की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है।
वहीं कुवैत के कार्यवाहक तेल मंत्री मोहम्मद अल अलीम ने रोम में कहा कि अगर जरूरत हुई तो ओपेक तेल आपूर्ति को बढ़ाने पर विचार कर सकता है।ओपेक मार्च में प्रतिदिन 3.235 करोड़ बैरल तेल का उत्पादन करता रहा है। समूह की पिछली तीन बैठकों में इस उत्पादन में इजाफे की मांग जोर पकड़ती रही है। लेकिन ओपेक बाजार की उठापटक देखते हुए उत्पादन में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं कर रहा है।