facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

राष्ट्रपति के भाई और वित्त मंत्री बर्खास्त

Last Updated- December 11, 2022 | 8:15 PM IST

श्रीलंका की विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे की प्रस्तावित एकता सरकार में शामिल होने के न्योते को ‘ढकोसला’ करार देते हुए सोमवार को अस्वीकार कर दिया। गोटाभाया ने देश की खराब हुई अर्थव्यवस्था को संभालने में राजपक्षे परिवार की सरकार के असफल होने के खिलाफ हो रहे राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के बीच सोमवार को अपने भाई और वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे को उनके पद से बर्खास्त कर दिया था और विपक्ष को एकता सरकार में शामिल होने का न्योता दिया था।
सरकार द्वारा लागू आपातकाल और कफ्र्यू का उल्लंघन कर हजारों लोगों द्वारा पूरे देश में प्रदर्शन किए जाने के बाद रविवार रात को देश के सभी 26 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी यूनाइटेड पीपुल्स फोर्स या समागी जन बलावेग्या ने तत्काल राष्ट्रपति के एकता सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और इन इस्तीफों को ‘ढकोसला’ करार दिया। पार्टी नेता सजीत प्रेमदासा ने कहा कि वह ऐसा राजनीतिक मॉडल चाहते हैं जो काम करे। उन्होंने कहा, ‘हम इस्तीफा चाहते हैं और इसके बाद ऐसा राजनीतिक मॉडल चाहते हैं जो काम करे। नया श्रीलंका और मजबूत संस्थान के साथ शुरू होगा न कि केवल नेतृत्व परिवर्तन से। अंतरिम सरकार कुछ और नहीं बल्कि आंतरिक पार्टी राजनीति है।’ विपक्षी तमिल नेता मनो गणेशन ने कहा कि उनकी पार्टी तमिल पीपुल्स अलायंस और मुख्य श्रीलंकाई मुस्लिम पार्टी मुस्लिम कांग्रेस भी एकता सरकार में शामिल नहीं होंगी।
राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे ने पूरी कैबिनेट के इस्तीफे के बाद गत रात पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के अलावा तीन कैबिनेट मंत्रियों को नामित किया है। देश में आपातकाल लागू करने और सप्ताहांत कफ्र्यू होने के बावजूद हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया और राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की। ऐसा प्रतीत होता है कि राजपक्षे की एकता सरकार बनाने के प्रस्ताव को जनता स्वीकार करने के तैयार नहीं है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग पूरे राजपक्षे परिवार की राजनीति से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। बासिल जिन्होंने भारत के साथ आर्थिक पैकेज पर बातचीत की थी ताकि श्रीलंका के मौजूदा विदेशी मुद्रा संकट को संभाला जा सके वह सत्तारूढ़ पार्टी श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) गठबंधन में भी गुस्से के केंद्र में हैं। उनकी जगह पर अली सबरी को वित्त मंत्री बनाया गया है जो रविवार रात तक न्याय मंत्री थे। बासिल को देश में उत्पन्न अभूतपूर्व आर्थिक संकट से उबारने के लिए विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बेलआउट पैकेज पर चर्चा के लिए अमेरिका जाना था।
कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे के बाद कम से कम तीन नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। जी एल पेरिस को विदेश मंत्री जबकि दिनेश गुणावर्धने को नए शिक्षा मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। जॉन्सटन फर्नांडिस को नए राजमार्ग मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई।  इन घटनाक्रम के बीच, सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड काबराल ने भी अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। काबराल ने कहा, ‘सभी कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफा देने के संदर्भ में, मैंने गवर्नर के पद से आज इस्तीफा दे दिया है।’ उन पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष संरचनात्मक समायोजन सुविधा के जरिये श्रीलंका के आर्थिक राहत मांगने पर अडिय़ल रुख अपनाने का आरोप लगाया गया था। काबराल के विरोध के बावजूद सरकार ने पिछली रात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का मदद के लिए रुख किया है। काबराल के नेतृत्व में सेंट्रल बैंक द्वारा अधिक मात्रा में मुद्रा की छपाई करने का आरोप है जिससे मुद्रास्फीति बढ़ी।     भाषा

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे
सोमवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर कफ्र्यू के आदेशों की अवहेलना करते हुए प्रधानमंत्री के तांगले स्थित आवास पर धावा बोलने की कोशिश करने वाले करीब 2,000 गुस्साए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं। कोलंबो से 200 किलोमीटर दक्षिण में स्थित तांगले में ‘कार्लटन हाउस’ के नाम से मशहूर प्रधानमंत्री के आवास के पास लगभग 2,000 लोग पहुंचे और राजपक्षे के विरोध में नारे लगाते हुए अवरोधकों को नीचे गिरा दिया। दिलचस्प बात यह है कि सिंहली बहुल आबादी वाले तांगले को शक्तिशाली राजपक्षे परिवार का गढ़ माना जाता है। चश्मदीदों के मुताबिक गुस्साए प्रदर्शनकारी पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहे और राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके द्वार की ओर भागे। आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की नाकामी ने जनता को नाराज कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप रविवार से देशव्यापी और सुनियोजित विरोध प्रदर्शन हुए हैं। आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका में लोग वर्तमान में घंटो बिजली की कटौती और आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना कर रहे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों के कारण सरकार ने आपातकाल और 36 घंटे के कफ्र्यू एवं सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यहां इंडिपेंडेंस स्क्वायर में रविवार को सरकार विरोधी प्रदर्शन किया गया, जिसमें राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे के आपातकाल की स्थिति लागू करने के कदम और अन्य प्रतिबंधों का विरोध किया गया। देश के मध्य प्रांत में रविवार शाम को विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन भी शुरू किया। 

First Published - April 4, 2022 | 11:22 PM IST

संबंधित पोस्ट