जून की बीती तिमाही में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखी गई लेकिन यह गिरावट अनुमान से कम रहीं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिटेन की जीडीपी अप्रैल-जून तिमाही में 0.1 फीसदी कम रही, हालांकि पिछले तिमाही में यह 0.8 फीसदी बढ़ी थी। जून में जीडीपी में 0.6 फीसदी की कमी हुई। मई के वृद्धि अनुमानों को 0.5 फीसदी से घटाकर 0.4 फीसदी कर दिया गया था।
सांख्यिकी कार्यालय ने कहा कि जीडीपी घटने में स्वास्थ्य खर्च में कमी का सबसे अधिक योगदान था। सरकार ने कोविड-19 परीक्षण और टीकाकरण कार्यक्रमों को घटा दिया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आर्थिक सांख्यिकी निदेशक डैरेन मॉर्गन ने कहा कि कई खुदरा विक्रेताओं के लिए भी यह एक कठिन तिमाही थी।
हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि इस गिरावट का मतलब मंदी की शुरुआत नहीं है। लेकिन बैंक ऑफ इंग्लैंड ने कहा है कि ब्रिटेन इस साल के अंत में मंदी की चपेट में आ सकता है। देश में मुद्रास्फीति बढ़कर 9.4 फीसदी पहुंच गई है। महंगाई बढ़ने से लोगों के खर्चें में बढ़ोतरी हुई है।