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श्रीलंका को कम आय वाले देश का दर्जा देने की सिफारिश

Last Updated- December 11, 2022 | 7:32 PM IST

श्रीलंका का मौजूदा मध्यम आय वाले देश के दर्जे से निम्न आय वाले देश के रूप में अस्थायी वर्गीकरण किया जा सकता है, ताकि उसे अपने ऋण के पुनर्गठन में मदद मिल सके और इसका यूके्रन की तरह आपातकालीन वित्त पोषण भी किया जाना चाहिए। यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक को दी गई सिफारिशें थीं, क्योंकि भारत का यह दक्षिणी पड़ोसी देश अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक से ये सिफारिशें की थीं। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत का यह दक्षिणी पड़ोसी देश अपने अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सीतारमण श्रीलंका के समर्थन में विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास और आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा सहित बहुपक्षीय संगठनों के विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ सक्रिय रूप से व्यस्त थीं। इस चर्चा से अवगत सूत्रों ने कहा कि श्रीलंका की मौजूदा वित्तीय दुर्दशा को कम करने और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण के नियमों और मानदंडों की पेचीदगी में बेहतर ढंग से मार्गदर्शन में मदद प्रदान करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
एक अधिकारी ने कहा कि मंत्री का यह हस्तक्षेप कई मोर्चों पर रहा है, जिसमें श्रीलंका को कम आय वाले देश के रूप में वर्गीकृत करना और श्रीलंका के साथ यूक्रेन जैसे गंभीर आपात स्थिति का सामना करने वाले अन्य देशों के अनुरूप व्यवहार करना शामिल है। उन्होंने श्रीलंका के मामले को आगे बढ़ाने के लिए आईएमएफ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में अपने पद का भी इस्तेमाल किया। सूत्रों के अनुसार सीतारमण द्वारा किए गए प्रमुख हस्तक्षेपों में से एक यह तर्क भी था कि हालांकि श्रीलंका को महामारी की शुरुआत में मध्यम आय वाले देश के रूप में वर्गीकृत किया गया था, लेकिन इसकी अर्थव्यवस्था की प्रकृति, पर्यटन क्षेत्र से आय पर इसकी निर्भरता और महामारी के कारण राष्ट्रीय राजस्व में गिरावट का अर्थ यह है कि देश को संभवत: निम्न-आय वाले देश के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है और उसी के अनुसार व्यवहार किया जाना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि कम आय वाले देश के रूप में वर्गीकरण से श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि आईएमएफ और विश्व बैंक द्वारा पुनर्वर्गीकरण की प्रक्रिया समय लेने वाली प्रक्रिया है और इसलिए इसे अस्थायी आधार पर किया जा सकता है ताकि श्रीलंका को उसके मौजूदा संकट से बाहर निकलने में मदद मिल सके। कम आय वाले देश में पुनर्वर्गीकरण से श्रीलंका को डीएसएसआई से परे ऋण उपचार के लिए सामान्य ढांचे के अंतर्गत अपना ऋण पुनर्गठन करने में मदद मिलेगी। डीएसएसआई वह ऋण सेवा निलंबन पहल है जिसे आईएमएफ और विश्व बैंक ने महामारी के बाद स्थापित किया था। 

First Published - April 26, 2022 | 1:09 AM IST

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