कोविड के मामले में कमी आने और मौजूदा सकारात्मक माहौल की वजह से सरकार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर लगे प्रतिबंधों में छूट दी जाएगी और अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय यात्रा के संबंध में जारी किए गए संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को सात दिन के लिए अनिवार्य रूप से होम क्वारंटीन रहने या आठवें दिन आरटी-पीसीआर जांच कराने की जरूरत नहीं होगी। राष्ट्रीय कोविड कार्यबल के अध्यक्ष और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा, ‘हम पहले चरण के स्तर से नीचे हैं। कुल संक्रमण दर 5 फीसदी से नीचे है। महामारी की स्थिति में काफी सुधार है। लेकिन अभी सतर्कता में ढील देने का वक्त नहीं है। हम सुरक्षा के स्तर को कम नहीं कर सकते हैं।’
ये नए दिशानिर्देश 14 फरवरी से प्रभावी होंगेे और इसके मुताबिक, ‘सभी यात्री देश में आने के बाद अगले 14 दिनों तक अपने स्वास्थ्य की निगरानी खुद ही करेंगे।’ सरकार ने जोखिम वाले (एट रिस्क) और अन्य देशों का विभाजन भी हटा दिया है। इस कारण जोखिम वाले देशों से आने पर आगमन स्थल पर नमूने देने और परिणाम प्राप्त होने तक प्रतीक्षा करने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। यात्रियों के पास यात्रा से 72 घंटे पहले ली गई आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के अलावा पूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम पूरा करने का प्रमाण पत्र अपलोड करने का विकल्प भी होगा। यह सुविधा केवल 82 देशों के लिए पारस्परिक आधार पर ही उपलब्ध है जिनमें ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और हॉन्गकॉन्ग शामिल हैं।
ब्रिटेन ने पूर्ण रूप से टीका लगवा चुके भारतीय यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर की आवश्यकता खत्म कर दी है लेकिन अमेरिका या कनाडा की यात्रा पर जाने वालों को विमान में चढऩे से पहले एक निटेटिव टेस्ट रिपोर्ट देनी होगी। अमेरिका और कनाडा की यात्रा पर जा रहे सभी विदेशी यात्रियों के लिए पूर्ण टीका अनिवार्य है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नए दिशानिर्देश जोखिम आधारित रणनीति के आधार पर बनाए गए हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘देश और दुनिया भर में संक्रमण की प्रवृत्ति और प्रसार की निगरानी करते हुए इस तथ्य पर भी ध्यान दिया जाता है कि आर्थिक गतिविधियों को निर्बाध तरीके से शुरू करने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर सख्ती से नजर नहीं रखी जाएगी लेकिन सतर्कता का स्तर कम नहीं किया जा सकता है। सरकार सभी देशों से आने वाले 2 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आकस्मिक नमूने लेना जारी रखेगी। अलबत्ता यात्रियों को अपना नमूना देने के बाद हवाईअड्डे से बाहर जाने की इजाजत दी जाएगी।
प्रत्येक उड़ान में ऐसे यात्रियों की पहचान संबंधित विमान कंपनियों द्वारा की जाएगी। इन दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘अगर ऐसे यात्रियों को जांच में पॉजिटिव पाया जाता है तो आगे चलकर उनके नमूने इन्साकॉग प्रयोगशाला नेटवर्क में जीनोमिक जांच के लिए भेजे जाने चाहिए।’ बंदरगाहों या लैंड पोर्ट के जरिये आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्री ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कर पाएंगे लेकिन उन्हें यहां आने पर स्व-घोषित सूचना देनी होगी। नए दिशानिर्देश ऐसे वक्त पर आए हैं जब वैश्विक स्तर पर कोविड के मामले में गिरावट के रुझान हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 140 देशों के संक्रमण के मामले में गिरावट के रुझान हैं जिनमें अमेरिका, इटली, फ्रांस और स्पेन जैसे देश शामिल हैं। भारत में पिछले चार दिनों में संक्रमण के मामले एक लाख से भी कम स्तर पर रहे।
पॉल ने कहा, ‘दुनिया इस वायरस के बारे में सबकुछ नहीं जानती है। ऐसे में हमें सतर्कता बरतनी होगी। भले ही देश में सुधार दिख रहा है लेकिन कोविड अनुरूप व्यवहार को सामान्यतौर पर बरकरार रखना होगा। लगातार मामलों में कमी आ रही है लेकिन चिंता वाले जिले भी हैं। वायरस हमारे आसपास है और हम उससे सुरक्षा के अपने इंतजाम को बनाए रखेंगे।’ 9 फरवरी को खत्म हुए सप्ताह के दौरान देश के 141 जिलों में संक्रमण की दर 10 फीसदी से अधिक रही। वहीं केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक सहित चार राज्यों में 50,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं और यह देश के कुल मामले का 60 फीसदी से अधिक है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वैश्विक और भारतीय स्तर की वृद्धि क्षेत्रीय भिन्नताओं के साथ जारी है। मंत्रालय ने कहा कि इसी वजह से वायरस की लगातार बदलती प्रकृति और चिंताजनक सार्स-सीओवी-2 स्वरूप के प्रसार पर नजर रखने की जरूरत है।
सरकार ने भी 60 साल की उम्र से अधिक लोगों को बूस्टर खुराक लेने की अपील की है। अब तक 1.6 करोड़ स्वास्थ्य एवं अग्रिम पंक्ति के कर्मियों को बूस्टर खुराक दी गई है। पॉल ने कहा कि बूस्टर खुराक का कवरेज एक व्यापक उम्र वर्ग तक करने का यह फैसला वैज्ञानिक जरूरतों पर आधारित होगा। वयस्कों में करीब 96 प्रतिशत को पहली खुराक मिली है जबकि करीब 76 प्रतिशत को दोनों टीके लग चुके हैं। 15-17 साल के करीब 69 प्रतिशत लोगों को पहली खुराक दी गई है जबकि 14 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल का कहना है, ‘फरवरी के पिछले 9 दिनों में औसतन रोजाना करीब 50 लाख खुराक दी गई है।’
चीन में पढऩे वाले छात्रों की याचिका पर नोटिस
दिल्ली उच्च न्यायालय ने चीन में पढ़ाई करने वाले 140 से अधिक मेडिकल छात्रों को भारत में व्यावहारिक प्रशिक्षण लेने की अनुमति देने संबंधी याचिका पर गुरुवार को केंद्र और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) से जवाब मांगा क्योंकि ये छात्र यात्रा प्रतिबंधों के कारण नहीं जा पा रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह के पीठ ने याचिका पर कानून मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ एमएनसी को नोटिस जारी किए। याचिका में ऐसे छात्रों की ऑनलाइन कक्षाओं को मान्यता देने का भी अनुरोध किया गया है। अदालत ने प्रतिवादी प्राधिकरणों को इस मुद्दे को देखने के लिए भी कहा क्योंकि ‘याची छात्र हैं, आतंकवादी नहीं।’ चीन के निंगबो विश्वविद्यालय में मेडिसिन की पढ़ाई करने वाले 147 याची छात्रों ने अदालत को सूचित किया कि वे 2020 की शुरुआत में भारत लौट आए थे लेकिन वापस नहीं जा पाए। भाषा