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रूसी हमले के चलते लोगों की सुरक्षित निकासी रुकी

Last Updated- December 11, 2022 | 8:54 PM IST

यूक्रेन के एक अधिकारी ने कहा है कि अप्रत्याशित रूसी गोलाबारी जारी रहने के चलते यूक्रेन के एक बंदरगाह शहर से रविवार को लोगों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने की योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी। वहीं, अधिकारियों ने रूस को यूक्रेन की राजधानी के नजदीक अन्य निकासी मार्ग निर्धारित करने के लिए सहमत करने की कोशिश की है। यूक्रेन के सैन्य अधिकारियों ने दिन में कहा था कि मारयूपोल शहर में रह रहे लोगों के पूर्वाह्न 10 बजे से रात नौ बजे तक स्थानीय संघर्ष विराम के दौरान वहां से सुरक्षित रूप से बाहर निकलने की उम्मीद है। रूसी सैनिकों ने एक हफ्ते से मारियूपोल शहर का घेरा डाल रखा है। गृह मंत्रालय के सलाहकार एंटन ग्रेराश्चेंको ने कहा कि निर्धारित मानवीय सहायता गलियारों से लोगों को निकालने का कार्य रूसी हमले के चलते नहीं किया जा सका।
उन्होंने टेलीग्राम पर कहा, ‘कोई सुरक्षित गलियारा नहीं हो सकता क्योंकि सिर्फ रूसियों का बीमार मस्तिष्क फैसला करता है कि कब और किस पर गोलाबारी करनी है।’ इस खबर ने तनाव कम होने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। यूक्रेन में युद्ध 11 वें दिन भी जारी रहा और करीब 15 लाख लोग देश छोड़ कर जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख ने रविवार को इस पलायन को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट करार दिया। तुर्की और फ्रांस के राष्ट्रपतियों तथा पोप फ्रांसिस ने रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से संघर्ष को खत्म करने के लिए वार्ता करने की अपील की है। इस बीच, यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा ने कहा कि रूसी सेना ने खारकीव शहर में एक भौतिकी संस्थान पर राकेट दागे हैं जहां परमाणु सामग्री और एक रिएक्टर है। रूसी सैनिक यूक्रेन में जपोरिजिया और चेर्नोबिल स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र को पहले ही अपने नियंत्रण में ले चके हैं। सुरक्षा सेवा ने कहा कि खारकीव में परमाणु संस्थान पर हमला बड़े पैमाने पर पारिस्थितिकी को खतरा पैदा कर सकता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने विदेशी रक्षकों से यूक्रेन के ऊपर उड़ान वर्जित क्षेत्र लागू करने का फिर से अनुरोध किया, जिससे नाटो अब तक इनकार करता रहा है क्योंकि यह कदम पश्चिमी देशों को युद्ध में शामिल कर देगा। जेलेंस्की ने रविवार को एक वीडियो संदेश में कहा, ‘विश्व, हमारे आसमान को बंद करने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत है।’ वहीं, एक असमान्य कदम के तहत पोप फ्रांसिस ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन के लिए दो कार्डिनल रवाना किए हैं। उन्होंने कहा कि वेटिकन संघर्ष को समाप्त कर शांति लाने के लिए सब कुछ करेगा। उल्लेखनीय है कि मारियूपोल और नजदीक स्थित वोलनोवाखा शहर के लिए संघर्ष विराम की इसी तरह की एक योजना शनिवार को नाकाम हो गई, जब रूसी सैनिकों के और अधिक गोलाबारी करने से लोग वहीं फंस गए। मारियूपोल के मेयर वडेम बोयचेंको ने यूक्रेनी टीवी से कहा, ‘आवासीय इलाकों में लगातार गोलाबारी जारी है। विमान रिहाइशी इलाकों में बम गिरा रहे हैं।’

परमाणु संयंत्र चालू हालत में
यू्क्रेन ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) से कहा है कि देश के सबसे बड़े जपोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के छह में से दो रिएक्टर काम कर रहे हैं और विकिरण का स्तर सामान्य है। आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रोसी ने यह जानकारी दी। हाल ही में देश के दक्षिण-पूर्व में स्थित इस संयंत्र पर नियंत्रण के लिए रूसी सेना ने कुछ दिन पहले हमला किया था। ग्रोसी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि यू्क्रेन के नियामक प्राधिकरण और संयंत्र प्रबंधन ने संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था को बताया कि तकनीकी सुरक्षा प्रणाली अक्षुण्ण है और एक टेलीफोन संचार लाइन टूट गई थी, लेकिन दूसरी अब भी काम कर रही है।
यू्क्रेन के अधिकारियों ने आईएईए को बताया कि संयंत्र का प्रशिक्षण केंद्र रिएक्टर इकाइयों से अलग स्थित है, जिसे 4 मार्च के हमले के दौरान काफी नुकसान पहुंचा। इसमें कहा गया है कि संयंत्र के प्रयोगशाला भवन और एक प्रशासनिक ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है। आईएईए के मुताबिक, यूक्रेन के तीन अन्य परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा प्रणालियां काम कर रही हैं और नियामक को संयंत्रों में विकिरण के स्तर के बारे में लगातार ऑनलाइन निगरानी डेटा मिल रहे हैं। नियामक ने कहा कि उसके कुल 9 में 6 रिएक्टर अभी चालू हालत में हैं। नियामक ने कहा कि चेर्नाेबिल परमाणु ऊर्जा संयत्र पिछले हफ्ते से रूस के कब्जे में है लेकिन 23 फरवरी से तकनीकी कर्मचारियों और प्रहरियों को आराम नहीं दिया गया है।
    
15 लाख शरणार्थी  
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि रूस के आक्रमण के बाद पड़ोसी देशों में शरण पाने के लिए 15 लाख से अधिक शरणार्थी यूक्रेन छोड़ चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रांडी ने रविवार को ट्वीट किया कि यह द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से यूरोप में सबसे तेजी से बढ़ता शरणार्थी संकट है।
वहीं दूसरी तरफ पोलैंड की सीमा सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि 24 फरवरी से अब तक यूक्रेन से 9,22,000 शरणार्थी सीमा पार कर देश में आ चुके हैं।     भाषा

आज 1,500 से अधिक भारतीय आठ उड़ानों से स्वदेश लौटेंगे
नागर विमानन मंत्रालय ने रविवार को कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 1,500 से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए सोमवार को आठ उड़ानें संचालित की जाएंगी। यूक्रेन का वायु क्षेत्र रूसी हमले के कारण 24 फरवरी से बंद है। यू्क्रेन से बाहर निकल रहे भारतीय नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड जैसे देशों से विमानों के जरिये स्वदेश लाया जा रहा है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘ऑपरेशन गंगा के तहत आज (रविवार को) यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 2,135 भारतीयों को वापस लाया गया है।’ बयान में कहा गया है, सोमवार को आठ विशेष विमानों के बुडापेस्ट (पांच), सुकियवा (दो) और बुखारेस्ट (एक) से उड़ान भरने की उम्मीद है, जिनके जरिये 1,500 से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाया जाएगा। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा की सफलता का श्रेय वैश्विक पटल पर भारत के बढ़ते प्रभाव को दिया। मोदी ने रविवार को पुणे के सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘हम ऑपरेशन गंगा के माध्यम से युद्ध क्षेत्र से हजारों भारतीयों को सुरक्षित निकाल रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह भारत का बढ़ता प्रभाव ही है जिसकी वजह से वह यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र से हजारों विद्यार्थियों को स्वदेश वापस ला पाया है।’ उन्होंने कहा कि कई बड़े देश अपने नागरिकों को वहां से निकालने में मुश्किलों से जूझ रहे हैं।

ऑनलाइन आवेदन
यूक्रेन में भारत के दूतावास ने युद्धग्रस्त क्षेत्र में फंसे सभी भारतीयों से रविवार को एक ऑनलाइन आवेदन पत्र तत्काल भरने को कहा। दूतावास ने ट्वीट किया, ‘सभी भारतीय नागरिक जो अब भी यूक्रेन में फंसे हैं उनसे अनुरोध है कि वे संलग्न गूगल फॉर्म तत्काल भरें।’ गूगल आवेदन पत्र में नाम, ईमेल, फोन नंबर, वर्तमान ठिकाना, पासपोर्ट का ब्योरा, लिंग और उम्र का विवरण देने को कहा गया है। आवेदन में दूतावास ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वर्तमान स्थिति बताने को भी कहा है। आवेदन में स्थलों की एक सूची दी गई है और उनमें से चयन का विकल्प दिया गया है।

First Published - March 6, 2022 | 11:29 PM IST

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