चाबहार बंदरगाह पर बातचीत गति पकड़ रही है और इस बीच सोमवार को भारत और ईरान ने दोनों देशों के नाविकों को असीमित यात्राओं के लिए योग्यता प्रमाणपत्र को मान्यता देने के लिए सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने कहा कि एमओयू पर हस्ताक्षर का लक्ष्य दोनों देशों के नाविकों की आसान आवाजाही सुनिश्चित करना है। केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल इस समय 4 दिन के ईरान दौरे पर हैं। वह चाबहार पोर्ट के बेहिश्त टर्मिनल में हो रही प्रगति की भी समीक्षा करेंगे, जो इंटरनैशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) में बदलाव करने की क्षमता वाला माना जा रहा है।
नाविक समझौते के साथ बंदरगाह प्राधिकरण को 6 मोबाइल हार्बर क्रेन सौंपने का भी समझौता हुआ है, जो वर्षों के बाद इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति है। कोविड-19 के प्रतिबंधों और बंदरगाह की क्षमता का पूरा इस्तेमाल न होने के कारण कामकाज सुस्त हो गया था। सोनोवाल ने ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबेर और सड़क एवं शहरी विकास मंत्री रुस्तम घासेमी से मुलाकात की है। सोनोवाल की शहरी विकास मंत्री से चाबहार बंदरगाह विकसित करने के दीर्घकालीन समझौते पर बातचीत हो रही है। ईरान की मीडिया ने खबर दी है कि घासेमी को उम्मीद है कि सभी तकनीकी और कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद अगले दो महीने में यह बातचीत पूरी कर ली जाएगी। बिजनेस स्टैंडर्ड ने पिछले सप्ताह खबर दी थी कि यह बातचीत मंत्री के एजेंडे में शामिल है। साथ में बंदरगाह के पट्टे की अवधि 18 महीने और बढ़ाने के ईरान के प्रस्ताव पर भी बात होनी है।