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सूमी से निकले, आज भारत लौटेंगे छात्र

Last Updated- December 11, 2022 | 8:50 PM IST

यूक्रेन के उत्तर-पूर्वी शहर सूमी से सुरक्षित निकाले गए लगभग 700 भारतीय छात्रों का अंतिम बड़ा समूह पोलतावा से एक विशेष ट्रेन में सवार हो चुका है और इसके गुरुवार को पोलैंड से भारत के लिए उड़ान भरने की संभावना है। छात्र समन्वयक अनशद अली ने बताया कि ट्रेन छात्रों को पश्चिमी यूक्रेन के लवीव ले जाएगी जहां से उन्हें बसों के जरिये पोलैंड ले जाया जाएगा। पोलतावा और लवीव के बीच की दूरी लगभग 888 किलोमीटर की है।
छात्रों को सूमी में दो सप्ताह की कष्टदायी स्थिति के बाद निकाला जा सका है। भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित लाने के लिए ऑपरेशन गंगा के तहत चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम दे रही है। सूमी में निकासी अभियान मंगलवार सुबह शुरू हुआ जिसमें लगभग 700 भारतीयों के आखिरी बड़े समूह को शहर से निकाला गया।
अली ने कहा कि भारतीय नागरिकों को रेडक्रॉस (आईसीआरसी) की अंतरराष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) द्वारा 13 बसों के काफिले में सूमी से पोलतावा ले जाया गया। ट्रेन में सवार 25 वर्षीय मेडिकल छात्रा जिसना जिजी ने कहा कि उन्हें और अन्य छात्रों को सूमी से बाहर आने के बाद राहत मिली है। उन्होंने कहा, ‘हम थके हुए हैं लेकिन खुश हैं। हम मंगलवार सुबह से यात्रा कर रहे हैं और कई घंटों की यात्रा करनी है, लेकिन अब हमें उम्मीद है कि हम सुरक्षित घर पहुंच जाएंगे।’ अली ने पोलतावा से कहा कि लवीव की लगभग 12 घंटे की ट्रेन यात्रा है जहां से छात्रों को बसों के माध्यम से पोलैंड ले जाया जाएगा। लवीव पोलैंड सीमा से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है।    सीमा पार करने के बाद छात्रों को पोलैंड से निकासी उड़ान से ले जाया जाएगा।
अली ने कहा, ‘छात्र सूमी से सुबह करीब साढ़े नौ बजे निकले। पहले वे पोल्तावा पहुंचे जो 170 किलोमीटर दूर है और फिर वे लवीव के लिए ट्रेन में सवार हुए।’ उन्होंने कहा, ‘लवीव से उन्हें बसों के जरिये पोलैंड ले जाया जाएगा और फिर गुरुवार को उनके भारत के लिए विमान में सवार होने की उम्मीद है।’ अली ने कहा कि शहर से लगभग 700 भारतीयों को निकाला गया और समूह में कुछ बांग्लादेशी तथा नेपाली नागरिक भी हैं। उन्होंने कहा, ‘भारतीय छात्रों के बाद, अन्य देशों के छात्रों को भी निकाला गया। सूमी से लगभग 95 प्रतिशत छात्रों को निकाला जा चुका है।’
सूमी में भारतीय छात्रों को दो सप्ताह तक बमबारी के बीच अपने हॉस्टल के तहखानों में कड़ाके की ठंड के साथ ही भोजन-पानी तथा अन्य आवश्यक चीजों की कमी का भी सामना करना पड़ा। यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने एक परामर्श जारी कर सभी फंसे भारतीय नागरिकों से मानवीय कॉरिडोर का इस्तेमाल करने और अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखकर ट्रेन या परिवहन के किसी अन्य माध्यम से देश छोडऩे का आग्रह किया है। इसमें कहा गया, ‘सभी फंसे हुए भारतीय नागरिकों से आग्रह किया जाता है कि वे इस अवसर का उपयोग करें और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन या वाहनों या परिवहन के किसी अन्य उपलब्ध साधन का उपयोग कर बाहर निकलें।’    

First Published - March 9, 2022 | 11:22 PM IST

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Last Updated- December 11, 2022 | 8:50 PM IST

यूक्रेन के उत्तर-पूर्वी शहर सूमी से सुरक्षित निकाले गए लगभग 700 भारतीय छात्रों का अंतिम बड़ा समूह पोलतावा से एक विशेष ट्रेन में सवार हो चुका है और इसके गुरुवार को पोलैंड से भारत के लिए उड़ान भरने की संभावना है। छात्र समन्वयक अनशद अली ने बताया कि ट्रेन छात्रों को पश्चिमी यूक्रेन के लवीव ले जाएगी जहां से उन्हें बसों के जरिये पोलैंड ले जाया जाएगा। पोलतावा और लवीव के बीच की दूरी लगभग 888 किलोमीटर की है।
छात्रों को सूमी में दो सप्ताह की कष्टदायी स्थिति के बाद निकाला जा सका है। भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित लाने के लिए ऑपरेशन गंगा के तहत चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम दे रही है। सूमी में निकासी अभियान मंगलवार सुबह शुरू हुआ जिसमें लगभग 700 भारतीयों के आखिरी बड़े समूह को शहर से निकाला गया।
अली ने कहा कि भारतीय नागरिकों को रेडक्रॉस (आईसीआरसी) की अंतरराष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) द्वारा 13 बसों के काफिले में सूमी से पोलतावा ले जाया गया। ट्रेन में सवार 25 वर्षीय मेडिकल छात्रा जिसना जिजी ने कहा कि उन्हें और अन्य छात्रों को सूमी से बाहर आने के बाद राहत मिली है। उन्होंने कहा, ‘हम थके हुए हैं लेकिन खुश हैं। हम मंगलवार सुबह से यात्रा कर रहे हैं और कई घंटों की यात्रा करनी है, लेकिन अब हमें उम्मीद है कि हम सुरक्षित घर पहुंच जाएंगे।’ अली ने पोलतावा से कहा कि लवीव की लगभग 12 घंटे की ट्रेन यात्रा है जहां से छात्रों को बसों के माध्यम से पोलैंड ले जाया जाएगा। लवीव पोलैंड सीमा से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है।    सीमा पार करने के बाद छात्रों को पोलैंड से निकासी उड़ान से ले जाया जाएगा।
अली ने कहा, ‘छात्र सूमी से सुबह करीब साढ़े नौ बजे निकले। पहले वे पोल्तावा पहुंचे जो 170 किलोमीटर दूर है और फिर वे लवीव के लिए ट्रेन में सवार हुए।’ उन्होंने कहा, ‘लवीव से उन्हें बसों के जरिये पोलैंड ले जाया जाएगा और फिर गुरुवार को उनके भारत के लिए विमान में सवार होने की उम्मीद है।’ अली ने कहा कि शहर से लगभग 700 भारतीयों को निकाला गया और समूह में कुछ बांग्लादेशी तथा नेपाली नागरिक भी हैं। उन्होंने कहा, ‘भारतीय छात्रों के बाद, अन्य देशों के छात्रों को भी निकाला गया। सूमी से लगभग 95 प्रतिशत छात्रों को निकाला जा चुका है।’
सूमी में भारतीय छात्रों को दो सप्ताह तक बमबारी के बीच अपने हॉस्टल के तहखानों में कड़ाके की ठंड के साथ ही भोजन-पानी तथा अन्य आवश्यक चीजों की कमी का भी सामना करना पड़ा। यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने एक परामर्श जारी कर सभी फंसे भारतीय नागरिकों से मानवीय कॉरिडोर का इस्तेमाल करने और अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखकर ट्रेन या परिवहन के किसी अन्य माध्यम से देश छोडऩे का आग्रह किया है। इसमें कहा गया, ‘सभी फंसे हुए भारतीय नागरिकों से आग्रह किया जाता है कि वे इस अवसर का उपयोग करें और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन या वाहनों या परिवहन के किसी अन्य उपलब्ध साधन का उपयोग कर बाहर निकलें।’    

First Published - March 9, 2022 | 11:22 PM IST

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