भारत और ब्रिटेन ने आज औपचारिक रूप से एक महत्त्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए औपचारिक रूप से बातचीत शुरू की, जिसका मकसद अप्रैल के मध्य तक पहले एक अंतरिम समझौतेे को पूरा करना और उसके बाद साल के अंत तक समग्र व्यापार के लिए बातचीत को अंतिम रूप देना है। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक दोगुना होकर 100 अरब डॉलर पहुंच सकता है। भारत के उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और भारत दौरे पर आईं ब्रिटिश उद्योग मंत्री एनी मैरी ट्रेवेलयन ने एफटीए के लिए संयुक्त रूप से बातचीत शुरू की, जिसे अब तक के सबसे गहन व्यापार समझौते के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
दोनों पक्षों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि पहले दौर की वार्ता 17 जनवरी को शुरू होगी और उसके बाद के दौर की बातचीत करीब हर 5 सप्ताह में होगी। संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘बातचीत के दौरान समग्र समझौते की राह पर दोनों सरकारें पहले अंतरिम समझौते के विकल्प पर विचार करेंगी। इससे दोनों देशों को जल्द लाभ मिल सकेगा। भारत के वार्ता दल का नेतृत्व वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव निधि मणि त्रिपाठी और ब्रिटेन के वार्ता दल का नेतृत्व हरजिंदर कंग करेंगे, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग में भारत के मामलों के निदेशक हैं।’ ट्रेवेलयन ने कहा कि दोनों पक्षों का लक्ष्य एफटीए को भविष्य के मुताबिक बनाना और उन प्रमुख क्षेत्रों में कारोबार बढ़ाना है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को नया रूप दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘इनमें सेवा, नवोन्मेष जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जहां भारत और ब्रिटेन पहले ही विश्व के अग्रणी देश हैं और ऐसे में हम इन क्षेत्रों में आदर्श साझेदार बन सकते हैं और तमाम ब्रिटिश व भारतीय कारोबारियों को तकनीक और ग्रीनटेक में साथ मिलकर काम करने को प्रेरित कर सकते हैं, जिसमें ऑटोमेशन से लेकर कृत्रिम मेधा तक शामिल है।’
ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन कारोबारी साझेदार तलाश रहा है। पिले महीने उसने ऑस्ट्रेलिया के साथ पहला व्यापार समझौता किया है। ब्रिटेन को उम्मीद है कि भारत एफटीए के तहत स्कॉच व्हिस्की पर 150 प्रतिशत बुनियादी सीमा शुल्क मेंं तेज कटौती करेगा, जिससे स्कॉच व्हिस्की का ब्रिटेन क ा तीसरे सबसे बड़ा निर्यात बाजार व्यापक रूप से खुल सकेगा, जो मात्रा के हिसाब से फ्रांस व अमेेरिका के बाद भारत सबसे बड़ा बाजार है। भारत को उम्मीद है कि श्रम आधारित क्षेत्रों जैसे टेक्सटाइल, चमड़ा, आभूषण के साथ मोटे अनाज और दवा उत्पादों के शुल्क में कमी का लाभ उसे मिल सकेगा।
गोयल ने कहा कि सेवा क्षेत्रों जैसे सूचना तकनीक, नर्सिंग, शिक्षा, आयुष सहित स्वास्थ्य और ऑडियो विजुअल सेवाओं में निर्यात बढ़ाने की अपार क्षमता है। उन्होंने कहा, ‘भारत अपने देश के लोगों की आवाजाही को लेकर भी विशेष व्यवस्था की मांग कर रहा है।’
वाणिज्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यन ने कहा कि नए दौर के एफटीए में 16 अध्याय होंगे, जिनमें बौद्धिक संपदा अधिकार, डिजिटल अर्थव्यवस्था, भौगोलिक संकेतक (जीआई), सततता, भ्रष्टाचार निरोध, निवेश, एमएसमी के साथ अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘ईस्टर (17 अप्रैल) तक अंतरिम समझौता पूरा किए जाने का लक्ष्य है। इसमें व्यापार में शामिल 60-65 प्रतिशत वस्तुओं के शुल्क को उदार किया जाना शामिल है, जबकि अंतिम समझौते में 90 प्रतिशत से ज्यादा सामान शामिल होंगे। 150 सर्विस में 50-60 को अंतरिम समझौते में शामिल किया जाएगा।’