facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

मर्सिडीज में सवारी का सपना, अब हो सकता है अपना

Last Updated- December 10, 2022 | 5:34 PM IST

मलिबु के रिहायशी इलाकों में फेरारी, मर्सिडीज और बेंटली जैसी गाड़ियों में सैर कराना हर किसी का सपना होता है। पर हम में से कितने लोग ऐसे होते हैं जो इस सपने को हकीकत में बदल पाते होंगे।


जवाब होगा, कुछ ही गिने चुने लोग। कम ही लोगों को पता होगा कि करीब दो साल पहले कैलीफोर्निया के इरवीन में मर्सिडीज-बेंज ने एक दुकान खोली है, जिसमें इस्तेमाल की हुई कारें बेची जाती हैं।


क्लासिक शो रूम नाम के इस दुकान में आपको 1967 मॉडल की 250 एसएल रोडस्टर महज 95,000 डॉलर (38 लाख रुपए)में मिल जाएगी। और अगर आप उन लोगों में शुमार हैं जो ऊंची पसंद रखते हैं लेकिन उस लिहाज से जेब ढीली करने की स्थिति में नहीं है तो भी आपके लिए इस शोरूम में बहुत कुछ है।


यहां से आप 1928 मॉडल की शानदार मर्सिडीज 630 साओथिक डुअल कॉल फैंटन खरीद सकते हैं। इसके लिए आपको करीब 7,75,000 डॉलर (3 करोड़ 18 लाख रुपए) चुकाने पड़ेंगे जो इस गाड़ी की वास्तविक कीमत से काफी कम है। साथ ही इस कार में आपको सुपर चार्ज इंजन भी लगी मिलेगी। यानी पुरानी और इस्तेमाल की हुई कार होने के बाद भी गुणवक्ता से कोई समझौता नहीं करना होगा।


समझौता होगा तो वह सिर्फ कीमत से और वह आपको नहीं बल्कि कंपनियों को करनी होगी। मर्सिडीज अपनी इन कारों के लिए तकनीक की पूरी गारंटी भी देती है। साथ ही इन कारों की खरीद पर ग्राहक को एक प्रमाणपत्र भी दिया जाता है जिसमें कार की पूरी जानकारी होती है। यानी कार की बॉडी, उसके इंजन से जुड़ी तमाम जानकारियां आपको मिल जाएंगी। इस शोरूम की पंचलाइन भी इसी को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, ‘कार के मालिक की ओर से बिक्री के लिए’।


शोरूम या संग्रहालय


इस शोरूम को कुछ इस तरीके से तैयार किया गया है कि यहां जाकर आपको लगेगा कि आप किसी संग्रहालय में आ गए हों। यहां रखी गई काफी गाड़ियां कंपनी के जर्मनी स्थित संग्रहालय से ली गई हैं। साथ ही इस शोरूम की एक विशेषता यह भी है कि यहां की सारी कारें बिक्री के लिए नहीं होती हैं।


यानी कुछ कारें ऐसी भी हैं जिन्हें आप सिर्फ देखकर उनकी तारीफ कर सकते हैं उन्हें खरीद नहीं सकते। इस क्लासिक सेंटर शोरूम से हर साल करीब 10 से 15 कारें बेची जाती हैं, जिनकी कीमत 30,000 डॉलर से शुरू होकर एक लाख डॉलर तक के करीब होती हैं।


क्लासिक कारें और कहां


यहां आने वाले ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जो पुरानी पुराने मॉडल की क्लासिक गाड़ियां खरीदने की ख्वाहिश रखते हों। कंपनी आमतौर पर उन कारों को क्लासिक मानती हैं जिनका उत्पादन 15 सालों से नहीं किया गया हो। इन कारों को बड़ी आसानी से यहां से खरीदा जा सकता है और पूरी तरह से चलती फिरती हालत में।


यहां कुछ ऐसे ग्राहक भी आते हैं जिन्हें एक साथ कई मॉडलों की कारें पसंद आ जाती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने एक खास सहूलियत दी है कि वे अपने हिसाब से कारों के डिजाइन, इंजन आदि में बदलाव कर सकें। इस सेंटर के प्रबंधक माइक कुंज का कहना है कि इस सुविधा को देकर हम एक तरीके से गाड़ियों को नया जीवन देते हैं। यानी मॉडल कोई भी हो गाड़ियों को एक नया लुक और नई शक्लो सूरत दी जाती है।


कंपनी का अमेरिका में यह अपने तरीके का पहला शोरूम है, जबकि इसी तरीके का एक शोरूम जर्मनी में भी है। कैलीफोर्निया के इस शोरूम में घंटो कामगार खरीदार की पसंद से कारों को शक्ल देने में जुटे दिखते हैं। कुंज कहते हैं कि ग्राहकों की सबसे पहली पसंद केब्रियोलेट्स कार है।


उनका मानना है कि ऐसे लोग जो जवानी में इस मॉडल को खरीदना चाहते थे, पर महंगा होने की वजह से अपना मन मसोस कर रह गए होंगे, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है। इसकी दो वजह हैं। एक तो इस मॉडल की कार अब बाजार में मिलती नहीं हैं और दूसरी यह कि अब इन्हें सस्ते दाम पर खरीदा जा सकता है, जो शायद पहले मुमकिन नहीं था।

First Published - April 9, 2008 | 10:19 PM IST

संबंधित पोस्ट