अमेरिका की सबसे बड़ी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी मोटोरोला इंक ने कंपनी को दो भागों में विभाजित करने की घोषणा तो कर दी है पर अब कंपनी के लिए नई हैंडसेट इकाई के लिए सीईओ का चयन करना सबसे चुनौती भरा काम होगा।
हालांकि, कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ग्रेग ब्राउन ने काफी सोच समझकर कदम उठाया है और चूंकि कंपनी के बंटवारे में अभी काफी समय बाकी है यही वजह है कि ब्राउन के पास हैंडसेट इकाई के लिए नया सीईओ नियुक्त करने के लिए काफी समय बचेगा।
हालांकि नए सीईओ के लिए राह आसान नहीं रहेगी क्योंकि पिछले वर्ष कंपनी के हैंडसेट की बिक्री का ग्राफ आश्चर्यजनक रूप से गिरकर पहले की तुलना में तीन चौथाई रह गया था। गत वर्ष बिक्री का आंकड़ा 19 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। पर इन आंकड़ों से भी बुरी स्थिति का अंदेशा लगाया जा रहा है। मेरिल लिंच के विश्लेषक ताल लिआनी ने एक शोध रिपोर्ट में बताया कि 2009 में कंपनी के हैंडसेट कारोबार में प्रति शेयर की कीमत गिरकर 1.69 डॉलर पर रह जाएगी।
यानी कुल मिलाकर यह कारोबार महज 3.8 अरब डॉलर का रह जाएगा। जबकि 2006 में मोटोरोला का हैंडसेट कारोबार 40 अरब डॉलर का था।माना जा रहा है कि परिस्थितियां अगर ऐसी ही रहीं तो आने वाले कुछ महीनों में मोटोरोला को पछाड़ कर सोनी एरिक्सन मोबाइल फोन के क्षेत्र में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। उसके आगे केवल नोकिया और सैमसंग रह जाएंगी।
लिआनी ने कहा कि जब तक कंपनी हैंडसेट के कारोबार को वापस से मुनाफे में नहीं लेकर आती है तब तक इस कारोबार को खरीदने के लिए भी कोई कंपनी पहल करेगी मुमकिन नहीं लगता है। इस वर्ष कंपनी का मोबाइल हैंडसेट बाजार सिमट कर महज 3.8 अरब डॉलर का रह गया है जो वर्ष 2006 में इसका दस गुना हुआ करता था। गत वर्ष सितंबर से कंपनी के शेयरों के भाव 39 फीसदी तक नीचे आए हैं। कड़ी चुनौती के बीच इनका प्रदर्शन कैसा रहता इसका अनुमान लगाया जा सकता है।