भारतीय कंपनियों ने यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को दरकिनार कर दिया, ‘इस बात कोई प्रमाण नहीं’ है। अमेरिका के उप वित्त मंत्री वैली अडेयेमो ने बुधवार को यह बात कही। अडेयेमो ने यहां आईआईटी-बंबई की यात्रा के दौरान पत्रकारों से कहा कि मैंने रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को दरकिनार करने वाली भारतीय कंपनियों के कोई सबूत नहीं देखे हैं। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका और यूरोप समेत दुनियाभर की कंपनियां प्रतिबंधों को गंभीरता से ले रही हैं और उन्हें लागू भी कर रही हैं।
यह टिप्पणी उन रिपोर्टों के कुछ दिनों बाद आई है। जिनमें रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा के हवाले से कहा गया है । अमेरिका इस बात से चिंतित है कि उसके द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए रूसी कच्चे तेल से बने ईंधन का निर्यात करने के लिए भारत का इस्तेमाल किया जा रहा है।
पात्रा के अनुसार- रूसी कच्चे तेल का स्थानांतरण ऊंचे समुद्रों पर हो रहा है और जहाज गुजरात के एक बंदरगाह पर आते हैं। जहां तेल को परिष्कृत करके भेज दिया जाता है।
बुधवार को अपनी तीन दिन की यात्रा शुरू करने वाले अडेयेमो ने कहा कि वह भारतीय अधिकारियों के साथ अपनी बातचीत में रूस और यूक्रेन के साथ-साथ द्विपक्षीय विषयों पर चर्चा करेंगे। देश की आर्थिक राजधानी में दो दिन बिताने के बाद अडेयेमो का नई दिल्ली की यात्रा का भी कार्यक्रम है। उनकी यात्रा से पहले अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा था कि वह ‘ऊर्जा सुरक्षा मजबूत करने, दुनियाभर में खाद्य असुरक्षा और धन के अवैध प्रवाह से निपटने जैसी अहम साझा प्राथमिकताओं पर बात करेगे।