facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

दुनिया मंदी की चपेट में

Last Updated- December 05, 2022 | 6:57 PM IST

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2008 के लिए अनुमानित आर्थिक विकास दर में और कटौती की संभावना व्यक्त की है।


आईएमएफ का अनुमान है कि 2008 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 3.7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। अगर ऐसा होता है तो 2002 के बाद यह सबसे धीमी रफ्तार हो सकती है। जनवरी में संगठन ने अनुमान लगाया था कि आर्थिक विकास की दर 4.1 फीसदी के करीब रह सकती है। आईएमएफ की ओर से जारी एक दस्तावेज में कहा गया है कि करीब 25 फीसदी संभावना है कि विश्व आर्थिक मंदी के कगार पर पहुंच जाए।


इस दस्तावेज में कहा गया है कि ग्रेट डिप्रेशन के बाद से अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए यह सबसे बदतर स्थिति है। आईएमएफ बैकग्राउंड पेपर ऑन दी अपडेट ऑफ दी ग्लोबल ऐंड रीजनल आउटलुक में कहा गया है कि इस संकट की घड़ी से निकलने के लिए विश्व स्तर पर केंद्रीय बैंकों को मौद्रिक नीतियों में परिवर्तन लाना होगा। पिछले वर्ष जुलाई के बाद से यह तीसरी दफा है जब आईएमएफ ने वैश्विक विकास दर के अनुमान को कम किया है।


साथ ही इस दस्तावेज में यह भी साफ किया गया है कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बिगड़ने के पीछे बहुत हद तक चरमराई अमेरिकी अर्थव्यवस्था का योगदान रहा है। जुलाई में तो आईएमएफ ने अनुमान व्यक्त किया था कि आर्थिक विकास दर में इस साल 5.2 फीसदी की दर से विस्तार हो सकता है।


दस्तावेज में कहा गया है, ”2007 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सबप्राइम संकट की वजह से जो उथल पुथल मची थी, उसकी गिरफ्त में समूचा विश्व बड़ी तेजी से आया है। अमेरिका में ग्रेट डिप्रेशन के बाद यह अब तक की सबसे खस्ताहाल स्थिति है।”


इसके साथ ही आईएमएफ ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के अनुमानित विकास दर में भी 0.5 फीसदी की कटौती की है। यह अनुमान जनवरी के मुकाबले 1.5 फीसदी कम है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 2009 में विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था 0.6 फीसदी की दर से बढ़ेगी। वहीं यूरोपीय अर्थव्यवस्था के बारे में आईएमएफ का अनुमान है कि इसमें 2008 के दौरान 1.3 फीसदी की दर से विकास होगा।


यह आंकड़ा भी जनवरी के 1.6 फीसदी के अनुमान से कम है। दस्तावेज में खुलासा किया गया है, ‘अमेरिकी और यूरोपीय अर्थव्यवस्था की विकास दर में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है।’


अगर एशियाई अर्थव्यवस्था पर नजर डालें तो पता चलता है कि यह वर्ष दुनिया के इस हिस्से के लिए भी आर्थिक लिहाज से कुछ खास रहने वाला नहीं है। जापान जो विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है उसके अनुमानित विकास दर में आंशिक गिरावट का अनुमान व्यक्त किया गया है। आईएमएफ का अनुमान है कि जापान की अर्थव्यवस्था 2008 में 1.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी जो जनवरी में 1.5 फीसदी बताई जा रही थी।


गहरा रहा है संकट


वैश्विक आर्थिक विकास दर में महज 3.7 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान
25 फीसदी संभावना है कि विश्व आर्थिक मंदी की चपेट में आ जाए
ग्रेट डिप्रेशन के बाद सबसे बुरी स्थिति
एशियाई अर्थव्यवस्था भी चरमराई

First Published - April 2, 2008 | 9:51 PM IST

संबंधित पोस्ट