माइक्रोसॉफ्ट की अल्टीमेटम की चिट्ठी का जवाब देते हुए याहू ने कहा कि अधिग्रहण के पहले 44.6 अरब डॉलर के प्रस्ताव को बढ़ाया जाए।
कंपनी का कहना है कि जब तक अधिग्रहण की रकम को नहीं बढ़ाया जाता तब तक अधिग्रहण का कोई सवाल ही नहीं उठाता है।माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीव बॉमर को लिखे एक पत्र में याहू ने कहा कि कंपनी अधिग्रहण के खिलाफ नहीं है लेकिन अब भी उसका मानना है कि जब तक रकम को बढ़ाया नहीं जाता तब तक अधिग्रहण फायदे का सौदा नहीं होगा।
याहू के सीईओ जेरी यांग ने बताया कि कंपनी अब भी माइक्रोसॉफ्ट के प्रस्ताव का विकल्प ढूंढ़ रही है।याहू ने इस चिट्ठी में कहा कि कंपनी ने अब भी सारे विकल्पों को खुला रखा है। यांग ने कहा, ‘हम आपको (माइक्रोसॉफ्ट) या किसी भी दूसरी कंपनी को इस बात की अनुमति नहीं देंगे कि वह रकम को बढ़ाए बिना कंपनी की खरीद कर ले। ‘
उन्होंने कहा कि अगर कंपनी को खरदना है तो इसकी सही कीमत चुकानी ही होगी। इस पत्र में कंपनी ने कहा है कि अगर खरीद की राशि को बढ़ाने पर माइक्रोसॉफ्ट सहमत हो जाती है तो अधिग्रहण पर काम किया जा सकता है।
करार से नहीं है इनकार
अब याहू भी माइक्रोसॉफ्ट की चिट्ठी का जवाब देने की तैयारी में जुटी हुई है। कंपनी के नजदीकी सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि माइक्रोसॉफ्ट को जवाबी पत्र में याहू यह कहने का मना बना रही है कि उसे इस डील से कोई ऐतराज नहीं है।
उसकी मांग बस इतनी है कि माइक्रोसॉफ्ट खरीद के लिए प्रति शेयर 31 डॉलर की रकम को बढ़ा दे। इस सूत्र के हवाले से बताया गया है कि याहू माइक्रोसॉफ्ट के पत्र का जवाब सोमवार को देगी जिसमें कंपनी यह तर्क पेश करेगी कि उसे नहीं लगता है कि याहू के कारोबार में गिरावट देखने को मिल रही है।
कंपनी का कहना हैकि उसकी मौजूदा हालत इतनी खराब नहीं हैकि उसे इतनी सस्ती दर पर सौदा करना पड़ा। माइक्रोसॉफ्ट ने अपने पत्र में लिखा था कि वैश्विक मंदी की वजह से कंपनियों का प्रदर्शन गिर रहा है औै ऐसी स्थिति में पेशकश को बढ़ाने की बजाय कम करना ही सही लगता है। इसी वजह से याहू को तीन हफ्तों की मोहलत दी गई है।
पर याहू ने अपने जवाबी चिट्ठी में लिखा हैकि कंपनी जब अपने तिमाही के नतीजों की घोषणा करेगी तो पता चल जाएगा कि उसकी मौजूदा स्थिति कैसी है। ऐसे में पहले से किसी संभावना के आधार पर उसे कमतर नहीं आंका जाना चाहिए। कुल मिलाकर याहू ने साफ कर दिया हैकि वह माइक्रोसॉफ्ट के सामने झुकने वाली नहीं है और उसे इस करार से कोई ऐतराज भी नहीं है अगर कंपनी को ठीक ठाक रकम दी जाती है।