हावर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त पी चिदंबरम इस समय विपक्षियों से लेकर यूपीए के सहयोगी वामपंथियों की आलोचना का शिकार बने हुए हैं।
उन्हें कुलीन वर्ग का नेता माना जाता है, जो हर पार्टी में अपने वर्ग के लोगों के साथ बेहतर संबंध रखते हैं। वे काफी सुलझे नेता हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी अब उनकी भूमिका बदलने के मूड में है। पार्टी का कहना है कि अच्छे नेताओं को जनता से दूर नहीं रखा जा सकता। कर्नाटक चुनाव में पार्टी उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में भेज रही है।
पार्टी के एक जनरल सेक्रेटरी का कहना है, ‘केंद्रीय वित्त मंत्री को पार्टी में शहरी चेहरे के रूप में जाना जाता है, पार्टी को उम्मीद है कि कर्नाटक में उनके प्रचार से शहरी मतदाता प्रभावित होगा।’
चिदंबरम अकेले नहीं है। पार्टी के एक और प्रभावशाली शासक को कर्नाटक भेजा जा रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को भी कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए कहा गया है। वे कांग्रेस पार्टी के सुशासन का प्रतिनिधित्व करेंगे। कांग्रेस के एक महासचिव का कहना है, ‘उनके प्रचार से मराठी वोटरों को अपनी ओर खींचा जा सकेगा।
कर्नाटक के उत्तरी इलाके में बड़ी संख्या में मराठी लोग रहते हैं।’ इसके अलावा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी और गोवा के मुख्यमंत्री दिगंबर कामत भी कर्नाटक के चुनाव प्रचार में पार्टी के लिए वोट मांगते नजर आएंगे।
मैसूर और बेंगलुरु जैसे शहरों में पार्टी प्रबंधकों ने चिदंबरम के लिए मीटिंग और प्रेस कांफ्रेंस की व्यवस्था कर दी है। बेंगलुरु क्षेत्र में 28 विधानसभा क्षेत्र है। इसे पार्टी की राज्य में सत्ता वापसी के लिए अहम माना जा रहा है।
हालांकि वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने केंद्रीय बजट 2008-09 में किसानों के लिए बड़े लोन पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन पार्टी उन्हें ग्रामीण इलाकों में तैनात नहीं कर रही है। अभी उनके चुनाव प्रचार का कार्यक्रम शहरी इलाकों तक ही सीमित है। प्रधानमंत्री भी केवल शहरी इलाकों में ही प्रचार करेंगे। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पी चिदंबरम की ग्रामीण इलाकों में पहुंच नहीं है।
पार्टी 60,000 करोड़ रुपये की कर्जमाफी को भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जोड़कर देख रही है। ये दोनों आला नेता कर्नाटक में धुआंधार प्रचार की तैयारी में है। बहरहाल किसानों के कर्जमाफी के पैकेज के परिणाम अभी देर में मिलने शुरू होंगे।पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का मानना है कि राज्य में पहले और तीसरे चरण के चुनाव की भूमिका निर्णायक होगी।