फरवरी 2008 में बुनियादी ढांचा के प्रमुख क्षेत्रों की वृध्दि दर बढ़कर 8.7 प्रतिशत हो गई। इससे उम्मीद जगी है कि औद्योगिक उत्पादन बढ़ेगा तथा आर्थिक मंदी पर कुछ हद तक लगाम लगेगी।
मुख्य आधारभूत ढांचा क्षेत्र के छह में से तीन- कोयला, बिजली और सीमेंट के क्षेत्रों में हुई वृध्दि का फरवरी में समग्र बुनियादी ढांचा बढ़ोतरी में अहम योगदान है। गौरतलब है कि एक वर्ष पहले की समान अवधि (फरवरी 2007) में यह 7.6 प्रतिशत था। इस्पात, कच्चा तेल और पेट्रोलियम रिफायनरी उत्पाद सहित इन उद्योगों का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 26.68 प्रतिशत का भारांक है।
बावजूद इसके इन क्षेत्रों के विकास से उच्च औद्योगिक विकास को गति मिल सकती है, जिससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि हो सकती है। हालांकि एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास गति 8 प्रतिशत होने का अनुमान व्यक्त किया है, जो वित्त वर्ष 2008 में 8.7 प्रतिशत था।
वाणिज्य मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, अप्रैल-फरवरी 2007-08 में आधारभूत ढांचा वृध्दि दर 5.6 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष 8.7 प्रतिशत थी। इस कमी का कारण वित्त वर्ष 2007-08 के आखिरी चार महीने में 5 प्रतिशत से कम की वृध्दि दर होना है। आधारभूत ढांचा क्षेत्र की वृध्दि दर जनवरी 2008 में बेहद खराब, यानी 4.2 प्रतिशत रही। फरवरी में कोयला उद्योग का वृध्दि दर सुधरकर 11.7 प्रतिशत हो गई, जो पहले 6.5 प्रतिशत थी।