पर्यावरण मंत्रालय की गंभीर आपत्ति के कारण 4,675 करोड़ रुपये की नवी मुंबई परियोजना में देरी हो सकती है।
परियोजना स्थल को लेकर चूंकि पर्यावरण मंत्रालय ने सवाल खड़े कर दिए हैं, इसलिए अब इस मसले को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समक्ष रखा जाएगा। कैबिनेट और अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (आईसीएओ) परियोजना को मंजूरी दे चुके हैं।
पर्यावरण मंत्रालय ने परियोजना विकसित कर रही सिटी ऐंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सिडको) को सुझाव दिया है कि उसे नवी मुंबई के अलावा दूसरी साइट को देखना चाहिए।
इसके लिए अंबानी बंधुओं की कंपनियों समेत एल ऐंड टी, जीवीके, टाटा और जीएमआर बोली लगाने के लिए काफी उत्सुक हैं। उनके इस साल के अंत तक बोली बोली लगाने की संभावना है। लेकिन इस मुद्दे की सबसे बड़ी बात यह है कि इसके लिए जो 115 हेक्टेयर (पूरी जमीन का 7.3 प्रतिशत) की जो जमीन इस्तेमाल की जा रही है वह मैंग्रोव जंगल की परिधि में आता है और यह जंगल इस परियोजना के क्षेत्र के अंदर ही आता है।
अक्टूबर 2007 में सिडको को इस साइट के लिए राष्ट्रीय तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण से इस शर्त पर मंजूरी मिल गई थी कि इसके बदले अन्यत्र पौधारोपण किया जाएगा। सिडको ने कुछ अन्य पर्यावरणीय मानदंडों के पालन करने की बात भी इस अनुबंध में स्वीकार कर ली थी। इस पर काम शुरू हो जाने के एक महीने बाद महाराष्ट्र तटीय प्रबंधन क्षेत्रीय प्राधिकरण ने सिडको को अनुमति दे दी थी।
इसके बाद सिडको ने एक अंतरराष्ट्रीय कंसल्टेंट (लुईस बर्गर)से भी बात करनी शुरू की और यह कंसल्टेंट गु्रप अभी अपनी विस्तृत संभाव्यता रिपोर्ट सौंपने वाला है। वह बोली के लिए दस्तावेज भी तैयार कर रहा है। लेकिन इसी बीच सिडको को पर्यावरण मंत्रालय से एक पत्र मिला जिसमें इस परियोजना पर आपत्ति दर्ज की गई थी और इस साइट के बदले कोई दूसरी साइट तलाशने की सलाह दी गई।
यह साइट पर्यावरण के दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील है क्योंकि इस निर्माण कार्य से एक नदी की दिशा प्रभावित हो जाएगी। इस परियोजना के लिए आईआईटी मुंबई पर्यावरण कंसल्टेंट की भूमिका निभा रहा है। हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन के लिए सिडको पुणे के केंद्रीय जल एवं विद्युत शोध संस्थान से सलाह ले रही है।
सिडको के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह परियोजना भौगोलिक पर्यावरणीय मानदंडों को प्रभावित कर रही है लेकिन समय कम होने के बावजूद सिडको ने हरसंभव सावधानी बरतने की कोशिश की।
अधिकारी बताते हैं कि अब किसी दूसरे साइट की तलाश करना नामुमकिन है क्योंकि हमने यहां के गांवों के लिए पुनर्वास नीति को अंतिम रुप दे दिया है। सिडको ने इस परियोजना के तहत 78 प्रतिशत भूखंड का अधिग्रहण कर लिया है और बाकी भूखंडों को अधिग्रहण करने की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा कि 2030 तक मुंबई क्षेत्र से 9 करोड 10 लाख यात्री हवाई यात्रा करेंगे और सांताकू्रज एयरपोर्ट मात्र 4 करोड़ 10 लाख यात्रियों को ही नियंत्रित करने में उस वक्त तक सक्षम हो पाएगा। इसलिए नवी मुंबई एयरपोर्ट को इस तरह से बनाया जा रहा है कि प्रतिवर्ष 4 करोड़ यात्रियों की आवाजाही सुनिश्चित करने में सक्षम हो पाए। इसके बाद पहले ही वर्ष में इसे इस तरह से विस्तारित किया जाएगा कि इससे 5 करोड़ यात्रियों की आवाजाही हो पाएगी।