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फसल ऑनलाइन बेच सकेंगे किसान

Last Updated- December 05, 2022 | 4:46 PM IST

किसानों को बिचौलियों से बचाने और उन्हें उपज की अच्छी कीमत दिलाने के लिए कई राज्य सरकारें वैकल्पिक प्लैटफॉर्म का इंतजाम करने जा रही है।


 राज्य सरकारें चाहती हैं कि किसान सीधे उपभोक्ता तक अपनी उपज पहुंचाएं और उन्हें अपने उत्पाद की बेहतर कीमत मिले। हाल ही में गुजरात और महाराष्ट्र सरकार ने फाइनैंशल टेक्नॉलजी व नैफेड द्वारा प्रवर्तित नैशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए लाइसेंस दिया है।


राज्य सरकारों द्वारा प्रस्तावित इस प्लैटफॉर्म का मकसद उत्पाद को ऑनलाइन बेचना है। तमिलनाडु, कर्नाटक और राजस्थान इस मॉडल को अपना सकते हैं। नए सिस्टम के तहत किसान अपने उत्पाद ऑनलाइन बेच सकते हैं।


 स्टॉक एक्सचेंज में जिस तरह विभिन्न कंपनियों के शेयर की कीमत स्क्रीन पर मौजूद होती है, ठीक उसी तरह इन उत्पादों की कीमतें भी स्क्रीन पर फ्लैश करेंगी। इस सिस्टम का मुख्य फायदा यह है कि किसान इसके लिए आश्वस्त रहेंगे कि उन्हें उत्पाद की अच्छी कीमतें मिलेंगी क्योंकि इस लेन-देन में कोई बिचौलिया नहीं होगा और यह सीधे खरीदार को बेचा जाएगा।


फिलहाल करीब सात-आठ ऐसे बिचौलिये हैं जो किसानों के उत्पाद को खरीदार तक पहुंचा रहे हैं। ऐसे में किसी उत्पाद की कुल कीमत का सिर्फ 25 फीसदी किसानों को मिल पाता है यानी खरीदार जितनी कीमत देता है उसका 25 फीसदी ही किसान तक पहुंच पाता है। एनएसईएल के प्रबंध निदेशक और सीईओ अंजलि सिन्हा ने बताया कि प्रस्तावित ऑनलाइन सिस्टम से यह 80 फीसदी के स्तर पर पहुंच पाएगा।


इसका दूसरा फायदा ये है कि एनएसईएल के गोदामों को माल की डिलिवरी करने वाली रसीद के जरिए बैंक लोन लिया जा सकेगा। एनएसईएल ने इस बाबत करीब 18 प्राइवेट, पब्लिक और रीजनल बैंकों से समझौता किया है। समझौता इस बारे में है कि एक्सचेंज के सदस्यों को माल डिलिवरी की रसीद की बिना पर लोन मुहैया कराया जाए। एनएसईएल मई 2008 से अपना ऑपरेशन शुरू करेगा।


एक्सचेंज की स्थापना का शुरुआती खर्च करीब 50 करोड़ रुपये होगा जो मुख्य रूप से गोदामों की स्थापना और आईटी सिस्टम पर खर्च होगा। सिन्हा ने कहा कि नया सिस्टम न सिर्फ किसानों की जिंदगी बदलेगा बल्कि ग्रामीण भारत के चेहरे पर भी रौनक आएगी। ऑनलाइन ट्रेडिंग के अलावा एनएसईएल उत्पादों की क्लियरिंग, सेटलमेंट और राष्ट्रीय स्तर पर भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध कराएगा।


 इंडिविजुअल किसान, साझेदारी फर्म, कॉरपोरेट कंपनियां, हिंदू अविभाजित परिवार, कोऑपरेटिव संस्था आदि एनएसईएल की सदस्य बन सकती हैं और ट्रेडिंग कर सकती हैं।तमिलनाडु किसान असोसिएशन के प्रेजिडेंट वी. के. मनिकंडन ने कहा – तिरुवेनमलाई, इरोड, तिरुनेलवेली और पेरियाकुलम के किसान एनएसईएल प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू करेंगे।

First Published - March 20, 2008 | 12:09 AM IST

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