केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पब्लिक सेक्टर के दो बैंकों से 388.17 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में मुंबई स्थित वरुण इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर (FIR) दर्ज की हैं। सीबीआई ने बुधवार को यह जानकारी दी।
ANI के मुताबिक, वरुण इंडस्ट्रीज पर इन बैंकों से 388.17 करोड़ रुपये फ्रॉड करने का आरोप है। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2023 के दौरान सीबीआई ने वरुण इंडस्ट्रीज लिमिटेड की दो कंपनियों वरुण ज्वेल और ट्रिमैक्स डाटा सेंटर की जांच की थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बैंक फ्रॉड मामले में इस जांच को किया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि वरुण ज्वेल ने पीएनबी से कर्ज लिया था और 46 करोड़ रुपये उसके अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे, जिसके बाद वरुण ज्वेल का अकाउंट एनपीए (NPA) हो गया।
पीएनबी को 63 करोड़ रुपये का नुकसान
कंपनी का अकाउंट NPA हो जाने के बाद पंजाब नेशनल बैंक को 63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कंपनी पर आरोप है इसने पीएनबी से लोन लेकर मॉरीशस की अपनी सहायक कंपनियों को 8 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।
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पीएनबी के अलावा भी लिया था कर्ज
इसके अलावा वरुण इंडस्ट्रीज की अन्य कंपनी ट्राइमैक्स डेटासेंटर सर्विसेज ने साल 2014 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र से भी 29 करोड़ रुपये का लोन लिया था और कई पार्टियों को पैसे ट्रांसफर किए थे। ये कंपनी ट्राइमैक्स आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज से जुड़ी कंपनी है।
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ट्राइमैक्स आईटी को 190 करोड़ रुपये का लोन
कंपनी ने इसके बाद फंड को कई अन्य बैंक अकाउंट से वापस लिया और रूटिंग सेल के जरिए होडिंग कंपनी के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया गया। इसके चलते साल 2018 में इसका अकाउंट एनपीए (NPA) हो गया।