छठे वेतन आयोग के उदारवादी प्रस्ताव में इस बात की भी सिफारिश की गई है कि 20 साल काम करने बाद सरकारी कर्मचारी पेंशन पाने का हकदार होगा।
गौरतलब है कि पहले यह सीमा 33 साल थी। इसके साथ ही ग्रैच्युटी की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक करने की सिफारिश की गई है। यही नहीं, 80 साल के वरिष्ठ नागरिकों के पेंशन बढ़ाने की भी सिफारिश आयोग ने की है। इसके साथ ही ज्यादा आयु वाले पेंशनभोगियों के पारिवारिक पेंशन राशि बढ़ाने की भी सिफारिश की गई है।
वेतन आयोग ने पेंशन बढ़ाने की जो सिफारिश की है, वह करीब 40 फीसदी है। पेंशन व पारिवारिक पेंशन की इस वृद्धि से सरकार पर सालाना 1,365 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। पेंशन की पात्रता के लिए आयोग ने यह सुझाव दिया है कि कर्मचारी के अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाए।
इन्वेस्ट इंडिया इकानोमिक फाउंडेशन के पेंशन पॉलिसी कंसल्टेंट कवीम भटनागर ने कहा कि वेतन आयोग ने 33 साल की जगह 20 साल नौकरी करने के बाद पेंशन देने की सिफारिश की है, जो सराहनीय कदम है।