उत्तर प्रदेश में बन रहे देश के सबसे बड़े गंगा एक्सप्रेस वे (Ganga Express Way) को दोनो तरफ औद्योगिक क्लस्टर बनाए जाएंगे। मेरठ से लेकर प्रयागराज तक बन रहे 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस वे को अगले साल दिसंबर तक बना दिया जाएगा। प्रदेश में चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस वे और झांसी लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण भी जल्दी शुरु हो जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना हर हाल में दिसंबर 2024 तक पूरी कर ली जाए। प्रयागराज में 2025 जनवरी में आयोजित होने वाले महाकुंभ से पहले गंगा एक्सप्रेस वे को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। मेरठ से लेकर प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस वे 12 जिलों को कवर करेगा। इसे प्रदेश के अन्य एक्सप्रेस वे जैसे यमुना, आगरा-लखनऊ व पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भी जोड़ा जाएगा। गंगा एक्सप्रेस वे को तैयार करने में कुल 36000 करोड़ के खर्च का अनुमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए बुंदेलखण्ड क्षेत्र की जीवनरेखा बन चुके बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस को झांसी और चित्रकूट से जोड़ा जाना आवश्यक है। चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे और झांसी लिंक एक्सप्रेसवे के लिए बजट की व्यवस्था की जा चुकी है।
प्रारम्भिक अध्ययन के अनुसार चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे लगभग 20 किमी का होगा, जबकि झांसी लिंक एक्सप्रेसवे लगभग 125-135 किमी का होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दोनों नए लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए विधिवत अध्ययन करते हुए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें और जमीन खरीदने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक क्लस्टर के लिए स्थान चिन्हित कर लिया जाए। इसके साथ ही पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक क्लस्टर के विकास की प्रक्रिया तेज की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि आईएमएलसी स्थान इंटरचेंज के अधिकतम 3 किमी के भीतर ही हो।क्लस्टर के लिए भूमि चिन्हित कर नियमानुसार तत्काल भूमि अधिग्रहीत की जाए।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति संतोषजनक है। गोरखपुर, संतकबीर नगर, आजमगढ़ और अम्बेडकर नगर जिले के लिए यह शानदार कनेक्टिविटी का माध्यम बनेगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस का निर्माण समयबद्ध ढंग से पूरा कराया जाए।
औद्योगिक समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में देश-दुनिया की बड़ी रक्षा उत्पाद निर्माता कम्पनियां निवेश कर रही हैं। अब तक 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर में हो चुका है। लखनऊ नोड में ब्रम्होस एयरोस्पेस, एरोलॉय टेक्नोलॉजी, झांसी नोड में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, कानपुर नोड में अडानी डिफेंस सिस्टम, अलीगढ़ में एमिटेक इलेक्ट्रॉनिक्स और एंकर रिसर्च लिमिटेड जैसी बड़ी कम्पनियां अपनी इकाई लगा रही हैं।