दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गले में खराश और बुखार होने के बाद खुद को आइसोलेशन में रखा है और मंगलवार को उनकी कोविड-19 की जांच की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि 51 वर्षीय केजरीवाल मधुमेह से भी पीडि़त हैं और वह रविवार दोपहर से ही अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुख्यमंत्री अस्वस्थ हैं, उन्होंने खुद को अलग कर लिया है। उन्हें खांसी है और गले में खराश है। वह मंगलवार को कोविड-19 की जांच कराएंगे।’ अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह में मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक आवास पर एक कैबिनेट बैठक की थी जिसमें सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन सहित कई मंत्रियों ने हिस्सा लिया था। मुख्यमंत्री पिछले दो महीने से अपनी अधिकतर बैठकें अपने घर से ही वीडियो कांफ्रेंस के जरिये कर रहे हैं लेकिन कुछ महत्त्वपूर्ण बैठकों के लिए दिल्ली के उप राज्यपाल कार्यालय जाते रहे हैं। 2 जून को केजरीवाल और सिसोदिया उपराज्यपाल कार्यालय में एक बैठक में शामिल हुए थे जहां अभी तक कोविड-19 के 13 मामले सामने आ चुके हैं। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोनावायरस के करीब 29 हजार मामले हैं जो कि महाराष्ट्र (85,975), और तमिलनाडु (30,152) के बाद तीसरा सबसे अधिक है। दिल्ली में ऐसे मरीजों की संख्या 17,125 है जिनका अभी इलाज चल रहा है जबकि अभी तक 10,999 लोग ठीक हो चुके हैं। दिल्ली सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 सामुदायिक स्तर पर फैला है या नहीं इसकी समीक्षा करने के लिए मंगलवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक होगी।
सबका इलाज
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों और निजी अस्पतालों में इलाज केवल दिल्लीवासियों के लिए सीमित करने के आम आदमी पार्टी सरकार के आदेश को खारिज कर दिया। दिल्ली के उप-राज्यपाल ने सिर्फ लक्षण वाले मरीजों के लिए कोरोना जांच के राज्य सरकार के फैसने को पलटते हुए कहा कि बिना लक्षण वालों की भी जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए और कोविड मामलों में नौ श्रेणियों के लिए जांच अनिवार्य होगी।