केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। यह रोक 31 मार्च 2024 तक के लिए लगाई गई है। हालांकि इस रोक की अधिसूचना जारी होने से पहले निर्यातकों की लदान हो चुकी प्याज की खेप को निर्यात की अनुमति होगी।
साथ ही जिस प्याज की खेप इस अधिसूचना के जारी होने से पहले सीमा शुल्क विभाग को सौंप दी गई है और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली में उसे दर्ज किया जा चुका है तो उसके निर्यात को इस रोक से छूट रहेगी। ऐसी खेपों को अगले साल 5 जनवरी तक निर्यात किया जा सकेगा।
कीमतें नियंत्रित करने पहले भी प्याज निर्यात पर हो चुकी है सख्ती
प्याज के निर्यात पर रोक प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लगाई गई है। खरीफ सीजन में प्याज का उत्पादन कम होने के कारण इसके दाम में उम्मीद अनुरूप कमी नहीं आई है। सरकार प्याज के निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए इससे पहले भी सख्त कदम उठा चुकी है। अगस्त महीने में प्याज के निर्यात पर 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया था।
इसके बाद 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) भी तय किया था। इसके बावजूद भी प्याज के दाम में बड़ी गिरावट देखने को नहीं मिली। इसलिए सरकार ने अब प्याज निर्यात पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
इस वित्त वर्ष खूब हो रहा है प्याज का निर्यात
सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान देश से प्याज के निर्यात में करीब 10 फीसदी उछाल आया है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2023-24 की अप्रैल-सितंबर अवधि में 13.10 लाख टन प्याज का निर्यात हो चुका है, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 11.92 लाख टन था।
इस तरह इस अवधि में प्याज निर्यात में 9.89 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मूल्य के लिहाज से इस अवधि में 2,133 करोड़ रुपये मूल्य के प्याज का निर्यात हुआ, जो पिछली समान अवधि के 2,025 करोड़ रुपये मूल्य से 5.33 फीसदी ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष में 4,522 करोड़ रुपये मूल्य के 25.25 लाख टन प्याज निर्यात हुआ था।