प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान बताया कि आज देश में लगभग 95 करोड़ लोग किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2015 से पहले ऐसी योजनाओं का लाभ लेने वालों की संख्या 25 करोड़ से भी कम थी। लेकिन बीते कुछ वर्षों में सरकार की कोशिशों से इसका दायरा काफी बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की हालिया रिपोर्ट का भी ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट के अनुसार अब भारत की 64 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी को किसी न किसी रूप में सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल रहा है।
भारत में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का दायरा पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में देश की सामाजिक सुरक्षा कवरेज 64.3 फीसदी तक पहुंच गई है, जो 10 साल पहले सिर्फ 19 फीसदी थी।
यह रिपोर्ट हाल ही में जारी की गई है और इसमें केंद्र और राज्य सरकारों की 32 योजनाओं का विश्लेषण किया गया है। इनमें 24 पेंशन योजनाएं, दो मातृत्व लाभ योजनाएं और दो बाल कल्याण कार्यक्रम शामिल हैं।
इन योजनाओं में कुछ अहम नाम हैं—अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), जननी सुरक्षा योजना और पीएम पोषण योजना।
पीएम मोदी ने आपातकाल के दौर को किया याद, सुनाए पूर्व नेताओं के भाषण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान आपातकाल के दिनों को याद किया। इस मौके पर उन्होंने मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी और जगजीवन राम जैसे पूर्व नेताओं के भाषण सुनाए, जो आपातकाल के खिलाफ मुखर थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे नेताओं के विचारों को हमेशा याद रखना चाहिए, क्योंकि वे हमें संविधान की ताकत बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी की बरसी पर विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 1975 में इमरजेंसी लागू करने वालों ने न सिर्फ संविधान की हत्या की, बल्कि न्यायपालिका को भी अपने इशारों पर चलने वाली कठपुतली बना दिया था।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में मनाए गए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का जिक्र करते हुए कहा कि आज दुनिया भर में योग की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। लोग अब इसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बना रहे हैं।
उन्होंने बताया, “हमने इस बार योग दिवस पर कई शानदार दृश्य देखे। विशाखापत्तनम में करीब 3 लाख लोगों ने समुद्र किनारे एकसाथ योग किया।
वहीं, 2,000 से ज्यादा आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक लगातार 108 बार सूर्य नमस्कार किए। सोचिए, इसके लिए कितनी अनुशासन की जरूरत होती है। हमारे नौसेना के जहाजों पर भी योग का भव्य प्रदर्शन देखने को मिला।”